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क्या है अपरा मेहता का नया शो 'बींदणी' और उनके विचार परंपराओं पर?

अपरा मेहता का नया शो 'बींदणी' दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शो में वह राजेश्री बुआ का किरदार निभा रही हैं, जो एक पारंपरिक महिला हैं। अपरा ने अपने किरदार और शो के बारे में अपने विचार साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और परंपराओं के महत्व पर जोर दिया है। जानें इस शो के बारे में और अपरा के विचारों के पीछे की सोच।
 
क्या है अपरा मेहता का नया शो 'बींदणी' और उनके विचार परंपराओं पर?

अपरा मेहता का नया शो 'बींदणी'




मुंबई, 24 दिसंबर। जब भी टीवी पर कोई नया कार्यक्रम शुरू होता है, दर्शकों में उत्सुकता बढ़ जाती है। वर्तमान में सन नियो चैनल पर प्रसारित हो रहा शो 'प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी' चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शो में अपरा मेहता राजेश्री बुआ का किरदार निभा रही हैं, जो एक पारंपरिक महिला हैं। वह परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं और उनके लिए परंपराओं का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, असल जीवन में वह अपने किरदार से काफी भिन्न हैं।


अपनी राय व्यक्त करते हुए अपरा मेहता ने कहा, "मुझे लगता है कि पुराने रीति-रिवाजों और संस्कारों का पालन परिवार में सम्मान और एकता बनाए रखता है, लेकिन अब समय बदल चुका है। महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए। उन्हें हर अवसर पर अपनी ताकत साबित करने का मौका मिलना चाहिए। हम 21वीं सदी में हैं और अब पुरानी और पिछड़ी सोच को छोड़ देना चाहिए। महिलाओं को शिक्षा, स्वतंत्रता और रोजगार के अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपने निर्णय खुद ले सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।"


अपनी टीवी यात्रा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने लगभग 35 डेली शोज किए हैं और सभी प्रमुख चैनलों के साथ काम किया है। कुछ चैनल अब बंद हो चुके हैं, लेकिन हर शो का अनुभव अद्वितीय और खास रहा है। सन नियो चैनल मेरे लिए नया था। जब मैंने 'बींदणी' का कांसेप्ट और अपने किरदार को समझा, तो मुझे लगा कि यह शो मेरे लिए सही है।"


उन्होंने आगे कहा, "कहानी में रुचि होने के कारण मैंने छह महीने के ब्रेक के बाद इस शो को जॉइन किया। इस शो में मुझे पहली बार राजस्थानी पोशाक पहनने का अवसर मिला, जो मुझे बहुत पसंद आया।"


अपरा ने बताया, "राजेश्री बुआ का किरदार शो में गंभीरता और गरिमा के साथ प्रस्तुत किया गया है। बुआ परिवार की सबसे बड़ी सदस्य हैं और सभी का सम्मान उनके शब्दों और निर्णयों से जुड़ा है। वह पुराने रीति-रिवाजों और परंपराओं में विश्वास करती हैं।"


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