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कुमुद मिश्रा का नाटक 'सांप सीढ़ी': कला की प्रासंगिकता पर एक नई दृष्टि

कुमुद मिश्रा का नाटक 'सांप सीढ़ी' दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। अभिनेता ने कला की प्रासंगिकता और थिएटर के भविष्य पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे तकनीकी युग में भी कहानियों की अहमियत बनी हुई है। कुमुद ने अपने किरदार, आलोचना के प्रति अपने दृष्टिकोण और 'रॉकस्टार' में काम करने के अनुभव के बारे में भी चर्चा की। जानें इस नाटक की खासियत और कुमुद के विचारों के बारे में।
 

कुमुद मिश्रा का नाटक 'सांप सीढ़ी' दर्शकों को भा रहा है

कुमुद मिश्रा का नाटक 'सांप सीढ़ी': कला की प्रासंगिकता पर एक नई दृष्टि


मुंबई, 1 अप्रैल। अभिनेता कुमुद मिश्रा के थिएटर नाटक 'सांप सीढ़ी' को दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि तकनीकी युग में भी कला की प्रासंगिकता खत्म नहीं हो सकती। जब तक आपके पास कहानियाँ हैं, कला जीवित रहेगी।


आद्यम थिएटर द्वारा प्रस्तुत इस नाटक में कुमुद का मानना है कि जब तक कहानियाँ हैं, कला का अस्तित्व बना रहेगा। उन्होंने नए शो, अपने काम के दृष्टिकोण और कला की बदलती स्थिति पर भी चर्चा की।


उन्होंने कहा, "मैंने बचपन से सुना है कि थिएटर खत्म हो रहा है - लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। इसका स्वरूप बदल गया है। थिएटर फेस्टिवल और ग्रुप्स बड़े हो गए हैं, और दर्शक भी। जब तक कहानियाँ हैं, कला जीवित रहेगी, और लाइव आर्ट फॉर्म की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है, खासकर जब हम मोबाइल में व्यस्त हैं। थिएटर एक ऐसा स्थान है जहाँ आप लाइव प्रदर्शन और भावनाओं का अनुभव कर सकते हैं।"


'सांप सीढ़ी' में अपने किरदार के बारे में उन्होंने बताया, "मेरे किरदार का नाम अनिल वाधवा है। वह एक अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक है, जो फिल्में बनाता है। वह स्वार्थी और थोड़ा बुरा इंसान है। मैंने महसूस किया है कि जो भी भूमिका आप निभाते हैं, उसमें आपके स्वभाव का कुछ हिस्सा चला जाता है।"


कुमुद ने यह भी कहा कि वह आलोचना को स्वीकार करते हैं, क्योंकि यह उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करती है। उन्होंने कहा, "यह आपके पेशे का हिस्सा है। आलोचना का स्वागत करना जरूरी है, क्योंकि हर बार अच्छा काम करना संभव नहीं है।"


थिएटर को सहज माध्यम मानते हुए, मिश्रा ने 'सांप सीढ़ी' के निर्माण में आई चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "अगर आपके पास कहानी है और उसे कहने की क्षमता है, तो लोग मनोरंजन को स्वीकार करते हैं।"


उन्होंने आगे कहा, "मैंने कई वर्षों तक रियाज किया है, और थिएटर से सीखा है। यह हमारा काम है और इसे करने के लिए आपको शरीर और मन के साथ काम करना होगा।"


अभिनेता का मानना है कि सफलता का कोई जादुई मंत्र नहीं है। उन्होंने कहा, "आपको पता होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं और क्यों। फोकस होना चाहिए। सफलता और असफलता एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।"


उन्होंने 'रॉकस्टार' में रणबीर कपूर और इम्तियाज अली के साथ काम करने के अनुभव को भी साझा किया। कुमुद ने कहा, "'रॉकस्टार' में काम करना शानदार था। रणबीर बेहतरीन अभिनेता हैं और इम्तियाज अली एक अद्भुत निर्देशक हैं।"


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