'रामायण' के राम-रावण युद्ध का सीक्रेट! जानिए कैसे हुआ था इस महायुद्ध का फिल्मांकन
रामानंद सागर की 'रामायण' अक्सर किसी न किसी वजह से चर्चा में रहती है। उस समय 'रामायण' के युद्ध दृश्यों को बिना वीएफएक्स के बहुत अच्छे से शूट किया गया था। रामायण में एक दृश्य था जहां भगवान राम रावण से युद्ध करते हैं, आपने टीवी पर देखा होगा कि इस दृश्य के दौरान कई सैनिक दिखाई देते हैं, लेकिन क्या ये सैनिक वास्तव में वहां मौजूद थे? या ये सब महज़ एक भ्रम था? हमें बताइए।
रामानंद सागर की 'रामायण' अक्सर किसी न किसी वजह से चर्चा में रहती है। उस समय 'रामायण' के युद्ध दृश्यों को बिना वीएफएक्स के बहुत अच्छे से शूट किया गया था। रामायण में एक दृश्य था जहां भगवान राम रावण से युद्ध करते हैं, आपने टीवी पर देखा होगा कि इस दृश्य के दौरान कई सैनिक दिखाई देते हैं, लेकिन क्या ये सैनिक वास्तव में वहां मौजूद थे? या ये सब महज़ एक भ्रम था?

'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि यह सीन कैसे शूट किया गया था। उन्होंने कहा कि रावण और राम के पीछे एक बड़ी सेना लड़ रही थी लेकिन असल में उन्हें बहुत कम लोगों के साथ गोली मारी गई थी.
तो ऐसे हुई शूटिंग
सुनील लहरी ने बताया कि इस सीन को शूट करने के लिए एक बड़ा सा शीशा लाया गया था जो करीब 8 फीट ऊंचा था. ये शीशे एक स्टूडियो के अंदर लगाए गए थे. वहीं, एक हिस्सा कैमरा इंस्टॉल करने के लिए रह गया था। उन्होंने कहा कि कैमरे को इस तरह से एडजस्ट किया गया था कि वह शीशे में दिखाई न दे. इस सेटअप ने ऐसा प्रभाव पैदा किया मानो बहुत सारे लोग मौजूद हों। इस तकनीक का उपयोग करके इस दृश्य की एक प्लेट बनाई गई और उसे क्रोमा में रावण और राम के पीछे रखा गया। इस तरह राम और रावण के युद्ध के दृश्य फिल्माए गए।
Ramayan 44 shooting Ke Piche Ki Kuch Ankahi chatpati baten pic.twitter.com/yVRfjN4gbA
— Sunil lahri (@LahriSunil) June 19, 2020
इसके अलावा 'रामायण' की शूटिंग में कई तरह की तरकीबें अपनाई गईं। उदाहरण के लिए, जब आसमान में कोहरा दिखाना होता था तो इसके लिए अगरबत्ती के धुएं का इस्तेमाल किया जाता था। वहीं, कपास की मदद से बादल बनाए गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय रामानंद सागर के पास 'रामायण' बनाने के लिए जरूरी पैसे नहीं थे और न ही उन्हें कोई प्रायोजक मिल रहा था। फंड जुटाने के लिए उन्होंने 'विक्रम और बेताल' बनाई, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसके बाद उन्हें 'रामायण' के लिए प्रायोजक मिले और बाद में टीवी सीरियल 'रामायण' बना।
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