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क्या है आज की प्रेरणादायक कहानी? जानें यीशु के संदेश का गहरा अर्थ!

Today's motivational story revolves around Jesus and a shepherd who finds joy in rescuing a lost sheep. This narrative highlights the importance of compassion and guiding those who have strayed from the right path. As Jesus encourages his disciples to follow the shepherd's example, the story serves as a reminder of the joy found in helping others. Discover the deeper meaning behind this tale and how it relates to our lives today.
 

प्रेरणादायक कहानी का सार

क्या है आज की प्रेरणादायक कहानी? जानें यीशु के संदेश का गहरा अर्थ!

Today's Motivational Story (Image Credit-Social Media)

Today's Motivational Story (Image Credit-Social Media)

आज की प्रेरणादायक कहानी: एक दिन, फरीशी और एक शिक्षक आपस में चर्चा कर रहे थे। वे यह सोच रहे थे कि वे धर्म के कार्यों में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं, तपस्या कर रहे हैं, उपदेश दे रहे हैं, भजन गा रहे हैं, और धार्मिक आदेशों का पालन कर रहे हैं, फिर भी उन्हें उतनी अहमियत नहीं मिलती जितनी कि पापियों और भटके हुए लोगों को मिलती है।

यीशु के सभी शिष्यों के मन में ऐसे संदेह और शिकायतें उठ रही थीं। वे सोच रहे थे कि अज्ञात पापियों और विरोधियों की इतनी चिंता क्यों की जाए, जब वे खुद घृणा करते हैं और दूर भागते हैं।

यीशु ने उनके मन की स्थिति को समझा और संदेह को दूर करने का उपाय किया। उन्होंने अपने सभी शिष्यों को लेकर आगे बढ़ने का निर्णय लिया। रास्ते में, उन्हें एक गड़रिये की झोंपड़ी पर रुकना पड़ा। थोड़ी देर बाद, गड़रिया आया, जिसके कंधे पर एक भेड़ थी। उसने उस भेड़ को प्यार से उतारा, उसे स्नान कराया और हरी घास खिलाई। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। अंत में, उसने अपने प्रियजनों को बुलाकर मिठाई बांटी।

यीशु ने गड़रिये से पूछा, 'तुम इस भेड़ के लिए इतनी खुशी क्यों मना रहे हो?'

गड़रिये ने उत्तर दिया, 'मेरे पास सौ भेड़ हैं, इनमें से यह एक भटक गई थी। मुझे इसकी बहुत चिंता थी। मैंने अपनी निन्यानवे भेड़ों की देखभाल किसी और पर छोड़कर इस एक की खोज में निकला और बड़ी मेहनत से इसे जंगल में पाया। इसका स्वभाव बिगड़ गया था, और मैं इसे सुधारना चाहता हूँ। इसलिए इसे कंधे पर लेकर आया हूँ, हरी घास खिला रहा हूँ और प्यार कर रहा हूँ। भटके हुए को सही रास्ते पर लाकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।'

यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, 'क्यों न हम सब इस गड़रिये का अनुसरण करें? जो लोग भटके हुए हैं, जो गुमराह हो रहे हैं, जिन्हें धर्म का मार्ग नहीं सूझता, उन्हें सच्चे मार्ग पर लाकर हम सब स्वर्गीय आनंद प्राप्त कर सकते हैं।'


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