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कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

विश्व कविता दिवस 2025 का आयोजन 21 मार्च को किया जाएगा, जो कविता के महत्व और कवियों के योगदान को उजागर करता है। यह दिन कविता को बढ़ावा देने, भाषाई विविधता को सम्मानित करने और लुप्त होती कविताई परंपराओं को पुनर्जीवित करने का अवसर है। इस लेख में हम विश्व कविता दिवस के इतिहास, उद्देश्य और भारत में इसके महत्व के बारे में जानेंगे। साथ ही, प्रसिद्ध कवियों और उनकी रचनाओं पर भी चर्चा करेंगे।
 

विश्व कविता दिवस 2025: एक अनोखा उत्सव

कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

World Poetry Day 2025 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

World Poetry Day 2025 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

विश्व कविता दिवस 2025: कविता मानव भावनाओं, विचारों और संवेदनाओं को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसे साहित्य की आत्मा माना जाता है, जो प्रेम, करुणा, संघर्ष, प्रकृति और मानवीय अनुभवों को शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करती है। हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कविता को बढ़ावा देना, कवियों का सम्मान करना और भाषा एवं संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना है।


विश्व कविता दिवस का इतिहास

विश्व कविता दिवस की शुरुआत यूनेस्को द्वारा की गई थी। इसे 16 नवंबर 1999 को यूनेस्को की 30वीं महासभा में घोषित किया गया था। पहली बार इसे 21 मार्च 2000 को मनाया गया। इस दिन का उद्देश्य कवियों और कविता के महत्व को उजागर करना है।


इसका मुख्य उद्देश्य कवियों और उनके कार्यों को सम्मानित करना है। 1999 में पेरिस में यूनेस्को के 30वें अधिवेशन में यह तय किया गया कि 21 मार्च को आधिकारिक रूप से विश्व कविता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। तब से हर साल इस दिन को मनाया जाता है।


कविता समाज का दर्पण होती है। यह प्राचीन काल से चली आ रही है और आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। यूनेस्को का मानना है कि कविताओं के माध्यम से लुप्त हो रही भाषाओं और बोलियों को संरक्षित किया जा सकता है। विश्व कविता दिवस मानव के भाषा के माध्यम से खुद को व्यक्त करने और वैश्विक भाषाई विविधता का जश्न मनाने का अवसर है।


यूनेस्को का उद्देश्य

कविता को एक सृजनात्मक कला के रूप में बढ़ावा देना।


भाषाई विविधता का सम्मान करना।


लुप्त होती कविताई परंपराओं को पुनर्जीवित करना।


साहित्यिक मेलों और कवि सम्मेलनों के आयोजन को प्रोत्साहित करना।


कविता का महत्व

कविता केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह समाज का दर्पण है। यह मानवीय भावनाओं, सामाजिक स्थितियों और राजनीतिक घटनाओं को दर्शाती है। कविता के माध्यम से प्रेम, दुख, क्रोध, उल्लास आदि भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। कई कविताएँ समाज को प्रेरित करती हैं और लोगों को जागरूक बनाती हैं।


कविता भाषा को समृद्ध करती है और नए शब्दों तथा अभिव्यक्तियों का निर्माण करती है। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को कविता के माध्यम से संरक्षित किया जाता है।


कविता दिवस का उद्देश्य

विश्व कविता दिवस का मुख्य उद्देश्य कविता की लोकप्रियता को बढ़ावा देना और कवियों को सम्मानित करना है। इसके अन्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:


काव्य परंपराओं का संरक्षण: यह दिवस उन परंपरागत कविताओं को जीवित रखने का प्रयास करता है, जो लुप्त होने की कगार पर हैं।


नई कविताओं को प्रोत्साहन: आधुनिक कविता को बढ़ावा देना और नए कवियों को मंच प्रदान करना।


काव्य संस्कृति का प्रचार-प्रसार: विभिन्न देशों में कवि सम्मेलन, कविता पाठ और साहित्यिक आयोजनों के माध्यम से कविता को जन-जन तक पहुँचाना।


भाषाई विविधता को बढ़ावा: विभिन्न भाषाओं में लिखी गई कविताओं को सामने लाना और उनका अनुवाद कर व्यापक पाठकों तक पहुँचाना।


दुनिया भर में विश्व कविता दिवस का आयोजन

विश्व कविता दिवस के अवसर पर दुनियाभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:


कवि सम्मेलन: प्रसिद्ध कवियों के साथ-साथ उभरते हुए कवि अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करते हैं।


साहित्यिक गोष्ठियाँ: कविता लेखन पर कार्यशालाएँ, विचार-विमर्श और कविताओं पर परिचर्चाएँ आयोजित की जाती हैं।


स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताएँ: छात्रों के लिए कविता पाठ और लेखन प्रतियोगिताएँ होती हैं।


ऑनलाइन कार्यक्रम: डिजिटल युग में विश्वभर में ऑनलाइन कविता पाठ, वेबिनार और लाइव इवेंट आयोजित किए जाते हैं।


भारत में कविता दिवस का महत्व

भारत में कविता का एक समृद्ध इतिहास रहा है।


संस्कृत साहित्य में कवियों का योगदान: कालिदास, भास, और बाणभट्ट जैसे महान कवियों ने संस्कृत साहित्य को समृद्ध बनाया।


भक्ति कालीन कवि: तुलसीदास, सूरदास, कबीर, मीराबाई जैसे कवियों ने सामाजिक और धार्मिक विषयों पर कविताएँ लिखीं।


आधुनिक युग के कवि: महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और रामधारी सिंह दिनकर जैसे कवियों ने आधुनिक हिंदी साहित्य को नई ऊँचाई दी।


नवगीत और छायावाद आंदोलन: छायावादी कवियों ने कविता को रोमांटिकता, प्रकृति और मानवीय संवेदनाओं से जोड़ा।


प्रसिद्ध कवि और उनकी रचनाएँ

कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)


1. रवींद्रनाथ टैगोर (भारत)


रचना: गीतांजलि


विशेषता: रवींद्रनाथ टैगोर की कविताएँ प्रेम, प्रकृति और मानवता की भावनाओं को व्यक्त करती हैं।


कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

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2. विलियम वर्ड्सवर्थ (इंग्लैंड)


रचना: Daffodils


विशेषता: प्रकृति के प्रति प्रेम को उन्होंने अपनी कविताओं में दर्शाया।


कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)


3. पाब्लो नेरूदा (चिली)


रचना: Twenty Love Poems and a Song of Despair


विशेषता: प्रेम और सामाजिक विषयों पर आधारित कविताएँ।


कविता के जादू का जश्न: विश्व कविता दिवस 2025 की खासियतें

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)


4. महादेवी वर्मा (भारत)


रचना: यामा


विशेषता: उनकी कविताओं में करुणा और स्त्री वेदना का सजीव चित्रण है।


कविता दिवस पर प्रसिद्ध उद्धरण

"कविता वह संगीत है, जो हृदय में बजता है।" – महादेवी वर्मा


"कविता मानव जीवन की आत्मा का प्रतिबिंब होती है।" – रवींद्रनाथ टैगोर


"एक सच्ची कविता वही है, जो पाठक के हृदय को छू जाए।" – विलियम वर्ड्सवर्थ


विश्व कविता दिवस का महत्व और भविष्य

विश्व कविता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि कविता केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह भावनाओं और अनुभवों का दस्तावेज होती है। यह दिवस साहित्य प्रेमियों को कविता के माध्यम से समाज को समझने, महसूस करने और प्रेरित करने का अवसर प्रदान करता है।


विश्व कविता दिवस का उद्देश्य कविता को प्रोत्साहित करना और कवियों को सम्मानित करना है। यह दिन हमें कविता के महत्व, उसकी अभिव्यक्ति शक्ति और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का संदेश देता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से कविता को जन-जन तक पहुँचाया जाता है, जिससे साहित्यिक और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलता है।


विश्व कविता दिवस से जुड़े तथ्य

विश्व कविता दिवस (World Poetry Day in Hindi) से जुड़े तथ्य इस प्रकार हैं:


यूनेस्को (UNESCO) ने 1999 में इस दिन को आधिकारिक रूप से विश्व कविता दिवस के रूप में घोषित किया था।


विश्व कविता दिवस का उद्देश्य कविता की लोकप्रियता बढ़ाना, भाषाई विविधता को प्रोत्साहित करना और कवियों को मान्यता देना है।


कविता लेखन की परंपरा बहुत पुरानी है, जिसमें महाकाव्य, भक्ति काव्य, ग़ज़ल, छंद और आधुनिक कविताएँ शामिल हैं।


दुनिया भर में कवि सम्मेलन, काव्य पाठ, साहित्यिक संगोष्ठियाँ और कविता प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।


कविता भावनाओं को व्यक्त करने, सामाजिक बदलाव लाने और विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने में सहायक होती है।


2025 में इस दिवस की थीम ‘Poetry as a Bridge for Peace and Inclusion’ (शांति और समावेशन के सेतु के रूप में कविता) है।


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