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कैलाश खेर ने जोधपुर में बिखेरा जादू, राजस्थान की सर्दियों की तारीफ की!

प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने हाल ही में जोधपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने शहर की खूबसूरती और राजस्थान की सर्दियों की तारीफ की। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जोधपुर से उनका गहरा संबंध है और यहां की यादें हमेशा उनके साथ रहती हैं। कैलाश खेर की आवाज और संगीत ने उन्हें एक अद्वितीय पहचान दिलाई है। इस लेख में जानें उनके जोधपुर दौरे के बारे में और उनकी संगीत यात्रा के बारे में।
 
कैलाश खेर ने जोधपुर में बिखेरा जादू, राजस्थान की सर्दियों की तारीफ की!

कैलाश खेर का जोधपुर दौरा


जयपुर, 5 दिसंबर। राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और जीवंत रंग हर किसी को आकर्षित करते हैं। जोधपुर, जो विश्वभर के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है, में शुक्रवार को प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने कदम रखा। उन्होंने शहर की सुंदरता की खुले दिल से सराहना की, जिससे वहां उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया।


कैलाश खेर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जोधपुर से उनका गहरा संबंध है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, 'जोधपुर को सूर्य नगरी और नील नगरी के नाम से भी जाना जाता है। मैं पहले भी यहां एक कार्यक्रम में आ चुका हूं और इस शहर ने मुझे कई खूबसूरत यादें दी हैं। हर बार जब मैं जोधपुर आता हूं, तो यहां की यादें मेरे साथ होती हैं।'


उन्होंने आगे कहा, 'राजस्थान की सर्दियां मुझे हमेशा से पसंद रही हैं, खासकर यहां की हल्की धूप सर्द मौसम में एक सुखद अनुभव देती है। इस मौसम में मैं अपने दोस्तों को आमंत्रित करता हूं कि वे राजस्थान जरूर आएं। राज्य के हर कोने में कुछ अद्भुत देखने को मिलता है।'


कैलाश खेर की आवाज और उनका अंदाज अद्वितीय है। उनके करियर की शुरुआत मुंबई में संघर्ष के दिनों से हुई, जहां उन्होंने विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए। धीरे-धीरे उनके गाने लोगों के दिलों में जगह बनाने लगे। उन्हें असली पहचान 'अल्लाह के बंदे' गाने से मिली, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। उनका गाना 'तेरी दीवानी' आज भी सूफी-फ्यूजन म्यूजिक का एक प्रमुख ट्रैक माना जाता है।


कैलाश खेर को उनके उत्कृष्ट काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें फिल्मफेयर अवार्ड, स्टार स्क्रीन अवार्ड्स, यश भारती सम्मान और भारत सरकार द्वारा दिया गया पद्मश्री शामिल है।


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