Raid 2: एक शानदार क्राइम-थ्रिलर की समीक्षा
कहानी का सार
कई वर्षों बाद, अमय पट्नायक (अजय देवगन) को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाया जाता है और उसे स्थानांतरित कर दिया जाता है। जब अमय नए स्थान पर पहुंचता है, तो उसे वहां का अपराध-मुक्त माहौल असामान्य लगता है। अपनी अंतर्ज्ञान के अनुसार, वह राजनेता दादा मनोहर भाई (रितेश देशमुख) की जांच शुरू करता है। जल्द ही, अमय उसके खिलाफ सबूत जुटा लेता है और उसके घर पर छापा मारने का निर्णय लेता है।
Raid 2 के पक्ष में क्या है?
सात साल बाद भी, Raid को बॉलीवुड के बेहतरीन क्राइम-थ्रिलर में से एक माना जाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि Raid 2 कई मायनों में पहले भाग से बेहतर है। यदि आपको पहले भाग का सस्पेंस अद्वितीय लगा, तो नए भाग को देखना न भूलें।
कहानी को बहुत अच्छे से गढ़ा गया है, और सस्पेंस और पात्रों की परतें दर्शकों के लिए मूल्य जोड़ती हैं। Raid 2 की कहानी और पटकथा दर्शकों को शुरू से ही बांधने में सक्षम हैं।
Raid 2 के खिलाफ क्या है?
हालांकि, दूसरे भाग की शुरुआत में गिरावट के अलावा, गाने भी एक बड़ी बाधा हैं। ये फिल्म की कहानी में कोई मूल्य नहीं जोड़ते, बल्कि प्रवाह को तोड़ते हैं। यदि फिल्म में गाने नहीं होते, तो परिणाम और भी बेहतर हो सकता था। संपादन को और तेज किया जा सकता था। यही वह जगह है जहां सीक्वल Raid की प्रभावशीलता से पीछे रह जाता है।
प्रदर्शन और निर्देशन
अजय देवगन ने अमय पट्नायक के किरदार को फिर से बखूबी निभाया है। उनकी आंखों में शांति और गहराई को शानदार तरीके से दर्शाया गया है। रितेश देशमुख पहले भाग में शानदार हैं, लेकिन कहानी की मांग पर उनकी प्रदर्शन की ऊंचाई नहीं बढ़ती।
सौरभ शुक्ला ने इस बार अपने किरदार को और मजेदार बना दिया है। वाणी कपूर ने अमय की पत्नी का किरदार निभाया है और उनका प्रदर्शन भी अच्छा है। अमित सियाल ने भी एक बेहतरीन प्रदर्शन दिया है।
राज कुमार गुप्ता ने 2018 के क्राइम-थ्रिलर का एक योग्य सीक्वल पेश किया है। अगर उन्होंने फिल्म में गाने नहीं रखे होते, तो अंतिम परिणाम और भी बेहतर हो सकता था।
Raid 2 का अंतिम निर्णय
यदि आपको Raid देखना पसंद आया, तो Raid 2 को देखना एक गलती होगी। यदि आपने पहले भाग को नहीं देखा है, तो पहले उसे देखें और फिर सीक्वल का आनंद लें। मैं फिल्म को 3 सितारे दूंगा, क्योंकि इसमें गाने रखना एक बड़ा गलती थी।
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