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बाबिल खान की नई फिल्म 'Logout' में सोशल मीडिया की चुनौतियों का सामना

बाबिल खान अपनी नई फिल्म 'Logout' के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कदम रख रहे हैं, जो 18 अप्रैल को Zee5 पर रिलीज होगी। इस फिल्म में वह एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भूमिका निभा रहे हैं, जो ऑनलाइन पहचान और वास्तविकता के बीच संघर्ष कर रहा है। बाबिल ने इस अनुभव को चुनौतीपूर्ण बताया और अपने अभिनय के विकास पर चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर मान्यता की खोज के पीछे की प्रेरणाओं पर भी विचार किया। जानें उनके अनुभव और सोच के बारे में इस लेख में।
 

बाबिल खान का फिल्मी सफर

बाबिल खान अपनी नई फिल्म 'Logout' के साथ डिजिटल दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हैं, जो 18 अप्रैल को Zee5 पर रिलीज होगी। इस फिल्म में, बाबिल एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की भूमिका निभा रहे हैं, जो ऑनलाइन लोकप्रियता और असली पहचान के बीच संघर्ष कर रहा है। हाल ही में एक इंटरव्यू में, बाबिल ने बताया कि 'Logout' पर काम करना उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि उन्हें ऐसा लगा जैसे वह पहली बार अभिनय कर रहे हैं।


चुनौतियों का सामना

News18 के साथ बातचीत में, बाबिल ने 'Logout' पर काम करते समय आई चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि यह अनुभव विशेष रूप से कठिन था क्योंकि वह आमतौर पर अपने सह-अभिनेताओं और वातावरण से ऊर्जा लेते हैं। लेकिन इस फिल्म में, उन्हें ऐसा कोई सहारा नहीं मिला और उन्हें अकेले प्रदर्शन करना पड़ा। उन्होंने स्वीकार किया कि पहली बार उन्हें वास्तव में अभिनय करना पड़ा, न कि केवल प्रतिक्रिया देना।


अभिनय की गहराई

'Logout' में बाबिल अकेले स्क्रीन पर नजर आते हैं, उनके पास केवल एक लैपटॉप और हेडफोन होते हैं। इसने उन्हें अभिनय के शिल्प की गहराई में जाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि इस फिल्म ने उन्हें अपने अभिनय के अंतर्ज्ञान को समझने का मौका दिया, जो उनके कलात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।


सोशल मीडिया पर विचार

बाबिल ने कहा कि 'Logout' के माध्यम से उन्हें यह एहसास हुआ कि वह उन लोगों के प्रति अपने पूर्वाग्रहों को चुनौती दे रहे हैं, जो सोशल मीडिया के माध्यम से मान्यता की तलाश में हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वह जल्दी से लोगों और परिस्थितियों का न्याय करने वाले थे, लेकिन अब वह जीवन को जिज्ञासा के साथ देखने की कोशिश कर रहे हैं।


आत्म-प्रतिबिंब

बाबिल ने यह भी बताया कि वह जानना चाहते हैं कि लोग ऑनलाइन मान्यता के पीछे की गहरी प्रेरणाओं को क्यों खोजते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कारण है कि लोग अपनी पहचान, आत्म-सम्मान और प्रामाणिकता को एक 'लाइक' के लिए बलिदान कर देते हैं, जो उनके अनुसार वास्तविकता में कोई ठोस मूल्य नहीं रखता।


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