सतीश शाह को पद्मश्री अवॉर्ड देने की मांग, सिनेमा जगत में शोक की लहर
सतीश शाह का निधन
प्रसिद्ध अभिनेता सतीश शाह ने 25 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मृत्यु की सूचना ने फिल्म उद्योग में गहरा शोक फैला दिया है। परिवार, प्रशंसक और उनके करीबी दोस्तों के लिए यह खबर एक बड़ा सदमा है। सतीश शाह के योगदान को सिनेमा जगत में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय से दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बनाया है, जिसे भुलाना संभव नहीं है।
पद्मश्री अवॉर्ड की अपील
‘फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज’ ने 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर दिवंगत अभिनेता सतीश शाह को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित करने की मांग की है। पत्र में सतीश शाह की प्रशंसा की गई है और उनके सिनेमा में योगदान को उजागर करते हुए उन्हें एक प्रतिभाशाली कलाकार बताया गया है, जिन्होंने अपने यादगार किरदारों से लाखों लोगों को हंसाया। संगठन ने कहा कि वे भारत के सबसे प्रिय और उत्कृष्ट कलाकारों में से एक थे, इसलिए उन्हें यह सम्मान मिलना चाहिए। उनका मानना है कि यह अवॉर्ड उनके योगदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सतीश शाह के यादगार किरदार
सतीश शाह ने 1978 में फिल्म ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तां’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा। अपने करियर में उन्होंने कई बेहतरीन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अपने टैलेंट को साबित किया है। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘हमशकल्स’, ‘भूतनाथ’, ‘साराभाई बनाम साराभाई’, ‘कल हो ना हो’, ‘मैं हूं ना’ और ‘जाने भी दो यारों’ शामिल हैं। इन फिल्मों के जरिए वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
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