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राजेश खन्ना ने 'आनंद' में बिना फीस काम करके कैसे बनाई करोड़ों की दौलत?

राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फिल्म 'आनंद' आज अपनी 54वीं वर्षगांठ मना रही है। जानें कैसे खन्ना ने बिना फीस काम करके इस फिल्म से अपनी कमाई को दस गुना बढ़ाया। यह कहानी न केवल उनकी चतुराई को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे उन्होंने अपने करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया। इस लेख में हम 'आनंद' की सफलता और खन्ना की अनोखी रणनीति के बारे में विस्तार से जानेंगे।
 

54 साल पहले रिलीज हुई 'आनंद' का जश्न

राजेश खन्ना ने 'आनंद' में बिना फीस काम करके कैसे बनाई करोड़ों की दौलत?


आज, 12 मार्च 2025 को, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की प्रसिद्ध फिल्म 'आनंद' अपनी 54वीं वर्षगांठ मना रही है। यह फिल्म 12 मार्च 1971 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी। आइए जानते हैं कि राजेश खन्ना ने बिना किसी पारिश्रमिक के इस फिल्म से कैसे दस गुना अधिक कमाई की।


1971 की यह ड्रामा फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा सह-लिखित और निर्देशित की गई थी, जिसमें संवाद गुलज़ार ने लिखे थे। फिल्म में राजेश खन्ना के साथ अमिताभ बच्चन, सुमिता सान्याल, रमेश देव और सीमा देव जैसे कलाकार भी शामिल हैं।


फिल्म 'आनंद' को कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल है। यह राजेश खन्ना की 17 लगातार हिट फिल्मों में से एक मानी जाती है, जो 1969 से 1971 के बीच आई थीं। इसने बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की और इसे हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है। 'आनंद' उन दो फिल्मों में से एक है, जिसमें खन्ना और बच्चन एक साथ नजर आए, दूसरी फिल्म 'नमक हराम' है, जिसे भी ऋषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया था।


राजेश खन्ना, जिन्हें भारतीय सिनेमा का पहला सुपरस्टार माना जाता है, ने 1970 से 1987 तक सबसे अधिक भुगतान पाने वाले अभिनेता का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने अपने करियर में 15 लगातार बॉक्स ऑफिस सफलताएँ हासिल कीं। हालांकि, 'आनंद' के लिए उन्होंने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया।


निर्माताओं ने उन्हें फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए संपर्क किया, लेकिन बजट की कमी के कारण वे खन्ना को उचित फीस नहीं दे सके। फिर भी, खन्ना ने स्क्रिप्ट और अपने किरदार से प्रभावित होकर बिना फीस काम करने का निर्णय लिया।


रिपोर्ट्स के अनुसार, राजेश खन्ना ने फिल्म 'आनंद' के वितरण अधिकार अपनी कंपनी के माध्यम से प्राप्त करने का विकल्प चुना, जिससे उन्हें सामान्य वेतन के बजाय फिल्म की सफलता के कारण दस गुना अधिक राशि मिली। उनकी यह चतुराई भरी रणनीति उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित सितारों में से एक बना गई।


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