फिल्म 'निकीता रॉय' की समीक्षा: एक कमजोर कहानी और औसत प्रदर्शन
फिल्म का परिचय
नाम: निकिता रॉय
निर्देशक: कुश सिन्हा
कास्ट: सोनाक्षी सिन्हा, परेश रावल, सुहैल नय्यर
लेखक: बेलाल खलीक, पवन किर्पालानी, नील मोहनती
रेटिंग: 2/5
कहानी का सार
कथानक
लंदन की पृष्ठभूमि में, निकिता रॉय (सोनाक्षी सिन्हा) अपने भाई, सनल रॉय (अर्जुन रामपाल) की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए निकली है। ये भाई-बहन एक ऐसे समुदाय का हिस्सा हैं जो अंधविश्वासों को खत्म करने और उन पर आधारित व्यवसायों को नष्ट करने के लिए समर्पित हैं। उनकी जांच उन्हें शक्तिशाली बाबा अमर देव (परेश रावल) तक ले जाती है। दुर्भाग्यवश, इस लड़ाई में वे पूरी तरह से अकेले हैं। कहानी इस पर निर्भर करती है कि क्या निकिता बाबा के बनाए गए मुखौटे को हटा पाएगी।
फिल्म की सकारात्मक बातें
क्या अच्छा है
'निकीता रॉय' की एक अच्छी बात यह है कि यह उपदेशात्मक या मेलोड्रामेटिक नहीं है। कुछ डरावने दृश्य, जो एक भयानक बैकग्राउंड स्कोर से सजे हैं, दर्शकों को सिहरन महसूस कराते हैं। संपादन तेज है, और असली ड्रामा इंटरवल के बाद शुरू होता है, इसलिए पहले भाग की धीमी गति को सहन करें।
फिल्म की नकारात्मक बातें
क्या नहीं अच्छा है
फिल्म की शुरुआत एक रहस्य कथा के रूप में होती है, फिर यह हॉरर में बदलने की कोशिश करती है, और अंततः थ्रिलर में बदल जाती है - हाँ, यह उतना ही भ्रमित करने वाला है जितना लगता है। इसमें सौरभ शुक्ला की कहानी की गूंज सुनाई देती है। लंदन में इस अलौकिक नाटक को सेट करना भी सही नहीं बैठता। भारतीय दर्शक अंधविश्वास को ग्रामीण इलाकों से जोड़ते हैं। 'निकीता रॉय' की तुलना में 'ब्रमायुगम' और 'तुम्बाड' जैसे उत्कृष्ट कृतियों ने थ्रिलर के स्तर को ऊंचा किया है।
अभिनय
प्रदर्शन
सोनाक्षी सिन्हा ने सही दिशा में काम किया है, लेकिन यहाँ वह औसत हैं। मैं उस क्षण का इंतजार कर रहा था जब वह अपने गुस्से या दुख को व्यक्त करेंगी, लेकिन सब कुछ बहुत ही शांत था। सुहैल नय्यर का किरदार जॉली, जो एक सोशल मीडिया स्टार है, थोड़ा अजीब लगता है। परेश रावल एक महान अभिनेता हैं, लेकिन 'निकीता रॉय' उनके टैलेंट को प्रदर्शित करने वाली फिल्म नहीं होगी। अर्जुन रामपाल का विशेष प्रदर्शन दृश्यात्मक रूप से आकर्षक है।
अंतिम निष्कर्ष
अंतिम निर्णय
अगर 'निकीता रॉय' का स्क्रिप्ट और मजबूत होता, तो कुश सिन्हा की दिशा को न्याय मिल सकता था। इसे केवल सोनाक्षी सिन्हा के फैंस के लिए देखना चाहिए। अन्यथा, एक बार देखना ही काफी होगा।
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