परेश रावल की फिल्म 'द ताज स्टोरी' पर विवाद, भाजपा ने मांगी रोक
फिल्म 'द ताज स्टोरी' का ट्रेलर जारी
गुरुवार, 16 अक्टूबर को, 'द ताज स्टोरी' का ट्रेलर रिलीज किया गया, जिसमें अभिनेता परेश रावल एक पर्यटक गाइड की भूमिका में नजर आ रहे हैं। वह भारत के सबसे प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल से जुड़े रहस्यों को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, इस फिल्म को इतिहास पर सवाल उठाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। यह ध्यान देने योग्य है कि ताजमहल के बारे में ऐसे दावे पहले भी किए जा चुके हैं। मई 2022 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ताजमहल के वास्तविक इतिहास का अध्ययन करने और उसके अंदर के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की गई थी।
भाजपा ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
फिल्म 'द ताज स्टोरी' को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय पदाधिकारी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह फिल्म उच्च न्यायालय में दायर उनकी याचिका पर आधारित है।
ताजमहल के बंद कमरों को खोलने की याचिका
भाजपा के अयोध्या इकाई के प्रवक्ता रजनीश सिंह ने अक्टूबर 2022 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की थी, जिसमें ताजमहल के अंदर के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य ऐतिहासिक तथ्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना था। सिंह ने आरोप लगाया कि फिल्म के प्रचार सामग्री में उनकी याचिका का संदर्भ बिना अनुमति के और भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक की मांग
भाजपा नेता ने फिल्म 'द ताज स्टोरी' की सार्वजनिक रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि फिल्म की स्क्रिप्ट की जांच की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें उनकी याचिका की सामग्री का उपयोग बिना अनुमति के किया गया है। सिंह ने जांच पूरी होने तक फिल्म के प्रचार और स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का आग्रह किया है।
फिल्म की जानकारी
'द ताज स्टोरी' को तुषार अमरीश गोयल ने लिखा और निर्देशित किया है, जबकि सुरेश झा ने इसे प्रोड्यूस किया है। इस फिल्म में परेश रावल, जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, नमित दास और स्नेहा वाघ जैसे कलाकार शामिल हैं। यह फिल्म ताजमहल के निर्माण से जुड़े विवादास्पद सवालों की पड़ताल करती है और पारंपरिक ऐतिहासिक कथाओं को चुनौती देती है।
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