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नुसरत भरूचा ने महाकालेश्वर मंदिर में की भक्ति, जानें उनके अनुभव

अभिनेत्री नुसरत भरूचा ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पुत्रदा एकादशी के अवसर पर दर्शन किए। उन्होंने भस्म आरती में भाग लिया और मंदिर की व्यवस्थाओं की सराहना की। जानें उनके अनुभव और भक्ति के इस खास पल के बारे में।
 
नुसरत भरूचा ने महाकालेश्वर मंदिर में की भक्ति, जानें उनके अनुभव

महाकालेश्वर मंदिर में नुसरत भरूचा की यात्रा


उज्जैन, 30 दिसंबर। अभिनेत्री नुसरत भरूचा ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का दौरा किया। उन्होंने पुत्रदा एकादशी के शुभ अवसर पर महाकाल के दर्शन किए। दिव्य भस्म आरती में भाग लेते हुए, नुसरत ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया और भक्ति में पूरी तरह लीन नजर आईं।


यह नुसरत का महाकाल के दरबार में दूसरा दौरा था। भस्म आरती के दौरान, वह नंदी हॉल में बैठकर शिव भक्ति में डूबी रहीं। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें महाकाल अंकित दुपट्टा भेंट किया, जिसे पाकर वह अत्यंत खुश हुईं। दर्शन के बाद, नुसरत ने मंदिर की व्यवस्थाओं की सराहना की।


उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ होने के बावजूद सब कुछ बहुत व्यवस्थित था। विशेष रूप से, उन्होंने जल पात्र व्यवस्था की प्रशंसा की, जिसमें पाइप के माध्यम से सीधे ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाया जाता है, जिससे भक्तों को बिना लाइन में लगे जल अर्पित करने की सुविधा मिलती है। नुसरत ने साझा किया कि बाबा महाकाल के दर्शन से उन्हें शांति और ऊर्जा मिलती है।


महाकाल मंदिर की भस्म आरती सबसे विशेष मानी जाती है, जो ब्रह्म मुहूर्त में होती है। इस आरती में भगवान शिव का श्रृंगार चिता की भस्म से किया जाता है। महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का विशेष महत्व है और इसमें भाग लेने के लिए श्रद्धालु दुनियाभर से उज्जैन आते हैं।


आरती में चिता भस्म के अलावा गोहरी, पीपल, पलाश, शमी और बेल की लकड़ियों की राख भी मिलाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भस्म आरती के समय महिलाएं सिर पर घूंघट या ओढ़नी डाल लेती हैं। मान्यता है कि उस समय महाकालेश्वर निराकार स्वरूप में होते हैं, इसलिए महिलाओं को आरती में शामिल होने या देखने की अनुमति नहीं होती।


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