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जेम्स कैमरून और एसएस राजामौली की बातचीत: सिनेमा में जनरेटिव एआई का प्रभाव

जेम्स कैमरून और एसएस राजामौली ने हाल ही में 'अवतार: फायर एंड ऐश' के प्रचार के दौरान जनरेटिव एआई के सिनेमा पर प्रभाव पर चर्चा की। कैमरून ने एआई को रचनात्मकता के लिए खतरनाक बताया और युवा फिल्म निर्माताओं को सलाह दी कि वे अभिनेताओं के साथ समय बिताएं। राजामौली ने एआई की क्षमताओं पर सवाल उठाया, जबकि कैमरून ने सहयोग के महत्व पर जोर दिया। इस बातचीत ने वैश्विक सिनेमा के विकास और रचनात्मकता की प्राथमिकता को उजागर किया।
 
जेम्स कैमरून और एसएस राजामौली की बातचीत: सिनेमा में जनरेटिव एआई का प्रभाव

सिनेमा का भविष्य और जनरेटिव एआई

हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक जेम्स कैमरून और भारतीय फिल्मकार एसएस राजामौली ने 'अवतार: फायर एंड ऐश' (अवतार 3) के प्रचार के दौरान एक विशेष वीडियो बातचीत की। इस चर्चा ने वैश्विक सिनेमा प्रेमियों के बीच काफी चर्चा का विषय बना। कैमरून ने स्पष्ट रूप से बताया कि कैसे एआई रचनात्मक कहानी कहने पर प्रभाव डाल सकता है।


कैमरून, जो 19 दिसंबर को 'अवतार 3' की वैश्विक रिलीज के लिए तैयार हैं, ने खुलकर बताया कि उनकी टीम ने कभी भी अवतार श्रृंखला में जनरेटिव एआई का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनका फिल्म निर्माण पारंपरिक और प्रदर्शन-आधारित है। "हमने अवतार फिल्मों में कभी जनरेटिव एआई का उपयोग नहीं किया," कैमरून ने कहा।


कैमरून का चेतावनी भरा संदेश

SS Rajamouli and James Cameron (via YouTube/20th Century Studios)


बातचीत के दौरान, कैमरून ने जनरेटिव एआई को "बहुत खतरनाक" बताया, यदि यह अभिनेताओं के साथ काम करने की मूल रचनात्मक प्रक्रिया को हटा देता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कहानी कहने के लिए पवित्र है और इसे तकनीक से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, एआई अवतार के समान दृश्य बना सकता है, लेकिन वास्तविक सिनेमा नवाचार को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता।


उन्होंने युवा फिल्म निर्माताओं को भी सलाह दी जो एआई उपकरणों पर बहुत निर्भर हैं। कैमरून ने कहा कि कई नए निर्माता त्वरित परिणाम चाहते हैं और अभिनेताओं के साथ संवाद नहीं करते। "रुकें, अभिनेताओं के साथ समय बिताएं," उन्होंने चेतावनी दी।


क्या एआई कभी फिल्म निर्माताओं की दृष्टि से मेल खा सकेगा?


राजामौली ने बातचीत के दौरान एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया कि क्या एआई जल्द ही कागज पर कल्पना की गई छवियों को सटीक रूप से बना सकेगा। कैमरून ने दृढ़ता से उत्तर दिया कि जबकि एआई उपकरण विकसित हो सकते हैं, उन्हें कभी भी अभिनेताओं के साथ सहयोग को प्रतिस्थापित नहीं करना चाहिए। उन्होंने अभिनेता-निर्देशक संबंध को "एक बहुत सकारात्मक फीडबैक प्रक्रिया" कहा।


इस बातचीत में राजामौली की आगामी फिल्म 'वाराणसी' का भी जिक्र हुआ, जिसमें महेश बाबू मुख्य भूमिका में हैं। कैमरून ने इस प्रोजेक्ट में गहरी रुचि दिखाई और कहा कि यदि संभव हो तो वह शूटिंग सेट पर आना चाहेंगे। राजामौली ने कहा कि यह पूरे तेलुगु फिल्म उद्योग के लिए गर्व की बात होगी।


सिनेमा की दुनिया में रचनात्मकता का महत्व

कैमरून ने राजामौली को 'अवतार: फायर एंड ऐश' को पहले देखने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया। कैमरून ने भारतीय सिनेमा के प्रति अपनी प्रशंसा को फिर से व्यक्त किया। इस बातचीत ने यह भी उजागर किया कि कैसे वैश्विक सिनेमा विकसित हो रहा है, जबकि यह याद दिलाया कि रचनात्मकता हमेशा पहले आती है।


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