चैत्र नवरात्रि 2025: मां दुर्गा के 9 मंत्र जो लाएंगे आपके जीवन में सुख और समृद्धि
चैत्र नवरात्रि का महत्व

Chitra Navratri Mantra (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Chitra Navratri Mantra (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
चैत्र नवरात्रि 2025 मंत्र जाप: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान देवी के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जिनमें मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं। साल में चार बार नवरात्रि का आयोजन होता है, जिनमें से दो गुप्त और एक चैत्र तथा एक शारदीय नवरात्रि होती है। चैत्र नवरात्रि का आयोजन चैत्र माह में होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो चुकी है और यह 6 अप्रैल, राम नवमी तक चलेगी। इस दौरान भक्तजन विभिन्न तरीकों से माता रानी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। यदि आप भी इस नवरात्रि मां दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं, तो यहां 9 मंत्र दिए गए हैं जिनका जाप करने से मां शीघ्र प्रसन्न होंगी।
नवरात्रि में जाप करने के मंत्र
नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप (Navratri Maa Durga Mantra)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
यदि आप नवरात्रि के दौरान सच्चे मन से इन मंत्रों का जाप करते हैं, तो मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यहां मां दुर्गा के 9 मंत्र दिए गए हैं:
1- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
2- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
3- ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
4- करोतु सा नः शुभेहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।
5- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै मंत्र और ॐ गिरिजाय च विद्महे, शिवप्रियाय च धीमहि। तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।।
6- या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
7- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।।
8- या देवी सर्वभूतेषु दया-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
9- या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दुर्गा के बीज मंत्र
नवरात्रि में 9 दुर्गा के बीज मंत्र (Maa Durga Ke Beej Mantra)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
मां शैलपुत्री का बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:।।
मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।।
मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।।
मां कूष्मांडा का बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:।।
मां स्कंदमाता का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।।
मां कात्यायनी का बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।।
मां कालरात्रि का बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।।
मां महागौरी का बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।।
मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।।
माता के नवस्वरूपों के लिए मंत्र
माता के नवस्वरूपों के लिए मंत्र (Navratri Mantra In Sanskrit)
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च ।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।