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क्या है फिल्म 'सिराई' की कहानी? जानें इस क्राइम ड्रामा के पीछे की सच्चाई!

फिल्म 'सिराई' तमिल सिनेमा में एक नई पहचान बना रही है। यह फिल्म न केवल अपराध और कानून की दुनिया को दर्शाती है, बल्कि मानवीय भावनाओं और मजबूरियों को भी गहराई से पेश करती है। निर्देशक सुरेश राजकुमारी की इस फिल्म की कहानी तमीज ने लिखी है, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। जानें इस फिल्म के ट्रेलर में क्या खास है और कैसे अब्दुल की जिंदगी में उलझनें बढ़ती हैं। फिल्म क्रिसमस पर रिलीज होने जा रही है, जो दर्शकों के लिए एक खास अनुभव हो सकती है।
 
क्या है फिल्म 'सिराई' की कहानी? जानें इस क्राइम ड्रामा के पीछे की सच्चाई!

फिल्म 'सिराई' की अनकही कहानी


चेन्नई, 24 दिसंबर। तमिल फिल्म इंडस्ट्री में 'सिराई' नामक फिल्म इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। यह फिल्म न केवल अपराध और कानून के पहलुओं को उजागर करती है, बल्कि मानवीय भावनाओं और मजबूरियों को भी गहराई से दर्शाती है। इस फिल्म की कहानी तमीज द्वारा लिखी गई है, जबकि इसका निर्देशन सुरेश राजकुमारी ने किया है। फिल्म के प्री-रिलीज इवेंट में तमीज ने कई महत्वपूर्ण और चौंकाने वाले तथ्य साझा किए।


तमीज ने कहा, "इस फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने दो व्यक्तियों को अपनी आंखों से देखा है। मैंने एक समय पुलिस में काम किया और लगभग 500 बार कैदियों को अदालत ले जाने की जिम्मेदारी निभाई। इसी दौरान मैंने उन व्यक्तियों को देखा, जिनकी जिंदगी से प्रेरित होकर यह कहानी लिखी गई।"


उन्होंने आगे कहा, "जब मैं कहानी लिख रहा था, तब उन लोगों के चेहरे मेरे सामने बार-बार आ रहे थे। अब फिल्म के बाद, मेरे मन में उन व्यक्तियों की जगह कलाकारों के चेहरे बस गए हैं। यह फिल्म इतनी गहराई से बनाई गई है कि अब मुझे केवल उन अभिनेताओं का अभिनय याद आता है, जिन्होंने ये किरदार निभाए हैं।"


फिल्म का ट्रेलर दर्शकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है। ट्रेलर की शुरुआत अभिनेता विक्रम प्रभु से होती है, जो एक पुलिसकर्मी की भूमिका में हैं। उनका कार्य कैदियों को जेल से अदालत और अदालत से जेल सुरक्षित पहुंचाना है। उन्हें एक कैदी अब्दुल रऊफ को शिवगंगई कोर्ट ले जाने की जिम्मेदारी दी जाती है, जिसका किरदार अभिनेता एलके. अक्षय कुमार ने निभाया है। विक्रम प्रभु दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कैदी को लेकर निकलते हैं।


ट्रेलर में एक भावुक दृश्य भी है, जहां अब्दुल पुलिस से गुजारिश करता है कि उसे बस स्टैंड से कोर्ट तक हथकड़ी न लगाई जाए। लेकिन पुलिस यह कहते हुए मना कर देती है कि हत्या के आरोप में पकड़े गए कैदियों को हथकड़ी लगाना नियम है। अपराध करने से पहले इन सब बातों पर विचार करना चाहिए था। यहीं से कहानी में तनाव बढ़ता है।


कहानी तब और गंभीर हो जाती है, जब पता चलता है कि अब्दुल की जिंदगी उसकी प्रेमिका और पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उलझी हुई है। हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि अब्दुल पुलिस की हिरासत से भाग निकलता है और एक राइफल भी अपने साथ ले जाता है। इसके बाद पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है।


'सिराई' फिल्म क्रिसमस के अवसर पर गुरुवार को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।


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