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क्या आप जानते हैं विजू खोटे की अनसुनी कहानियाँ? जानें उनके जीवन के दिलचस्प किस्से!

विजू खोटे, हिंदी सिनेमा के एक अद्वितीय कलाकार, ने छोटे किरदारों में भी गहरा प्रभाव छोड़ा। जानें उनके जीवन की अनसुनी कहानियाँ, जैसे 'शोले' की शूटिंग के दौरान घोड़े से गिरने की मजेदार घटना और उनके प्रसिद्ध डायलॉग। उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी आपको प्रेरित करेगी।
 
क्या आप जानते हैं विजू खोटे की अनसुनी कहानियाँ? जानें उनके जीवन के दिलचस्प किस्से!

विजू खोटे: एक अद्वितीय कलाकार की कहानी


मुंबई, 16 दिसंबर। हिंदी सिनेमा में कई ऐसे कलाकार रहे हैं, जिनके छोटे-छोटे किरदारों ने गहरा प्रभाव छोड़ा। विजू खोटे भी उन्हीं में से एक थे। उन्होंने कभी खतरनाक डाकू का किरदार निभाया, तो कभी ऐसे कॉमेडियन बने, जिनकी हर बात पर हंसी आती थी। उनकी पहचान 'शोले' के कालिया और 'अंदाज अपना अपना' के रॉबर्ट के रूप में बनी, लेकिन उनके जीवन में संघर्ष और मेहनत की कई कहानियाँ हैं।


एक दिलचस्प किस्सा 'शोले' की शूटिंग से जुड़ा है, जब एक घोड़ा बार-बार उन्हें गिरा देता था।


विजू खोटे का जन्म 17 दिसंबर 1941 को मुंबई में हुआ। उनका असली नाम विट्ठल बापुराव खोटे था। वे एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे, जहाँ उनके पिता, नंदू खोटे, स्टेज और साइलेंट फिल्मों के प्रसिद्ध कलाकार थे। उनकी बहन, शुभा खोटे, भी हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। पढ़ाई में भी विजू काफी अच्छे थे, और एक समय ऐसा लगा कि वे अभिनय के बजाय किसी और क्षेत्र में करियर बनाएंगे। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस भी खोला, लेकिन बाद में अभिनय में लौट आए।


विजू ने अपने करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की और धीरे-धीरे उन्हें छोटे-छोटे रोल मिलने लगे। उन्होंने 'अनोखी रात', 'जीने की राह', 'आपका स्वागत है', 'खिलौना', 'सच्चा झूठा', 'श्रेष्ठ', 'भाई हो तो ऐसा', 'रास्ते का पत्थर', 'रामपुर का लक्ष्मण', 'बेनाम', 'जुर्म और सजा' और 'इंसानियत' जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी अदाकारी और डायलॉग बोलने का अंदाज दर्शकों को भा गया।


1975 में आई फिल्म 'शोले' ने विजू खोटे की किस्मत बदल दी। इस फिल्म में उन्होंने गब्बर सिंह के साथी कालिया का किरदार निभाया। उनका प्रसिद्ध डायलॉग 'सरदार, मैंने आपका नमक खाया है' आज भी लोगों के दिलों में बसा है। इस रोल के पीछे एक दिलचस्प कहानी है, क्योंकि गब्बर सिंह का किरदार निभाने वाले अमजद खान उनके थिएटर के दोस्त थे।


शूटिंग के दौरान एक मजेदार घटना हुई, जब विजू खोटे को घोड़े पर बैठाया गया। जैसे ही सेट पर स्पॉटबॉय ने छाता खोला, घोड़ा अचानक भड़क गया और उन्हें गिरा दिया। यह घटना कई बार हुई, लेकिन विजू ने पूरी मेहनत से सीन को शूट किया।


'शोले' के बाद विजू खोटे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने 440 से अधिक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। 'अंदाज अपना अपना' में रॉबर्ट का किरदार और डायलॉग 'गलती से मिस्टेक हो गया' उन्हें नई पीढ़ी में लोकप्रिय बना गया। उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं और मराठी फिल्मों में भी सक्रिय रहे।


30 सितंबर 2019 को 77 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके जाने से फिल्म जगत ने एक ऐसे अद्वितीय कलाकार को खो दिया, जिसने छोटे किरदारों से भी बड़ी पहचान बनाई।


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