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Sitaare Zameen Par: Aamir Khan's Heartfelt Journey with Special Needs Athletes

Sitaare Zameen Par, featuring Aamir Khan, is a poignant film that explores the journey of a basketball coach working with a team of special needs athletes. The narrative delves into themes of self-discovery, redemption, and the challenges faced by individuals with disabilities. As Gulshan, Khan navigates his own complexities while forming bonds with his team, the film balances humor and heartfelt moments. While it promotes inclusivity, it also raises questions about the portrayal of special needs in cinema. Join us as we explore the emotional depth and performances that make this film a must-watch.
 
Sitaare Zameen Par: Aamir Khan's Heartfelt Journey with Special Needs Athletes

Film Overview

स्पेनिश फिल्म Campeones (2018), जिसे जेवियर फेसेर ने निर्देशित और सह-लेखित किया, एक वास्तविक कहानी पर आधारित है जिसमें बौद्धिक विकलांगता वाले लोगों की एक टीम शामिल है। इस फिल्म ने बॉबी फारेली की Champions (2023) को प्रेरित किया और अब इसे भारत में Sitaare Zameen Par के रूप में पेश किया गया है.


Plot and Characters

Sitaare Zameen Par का निर्देशन आरएस प्रसन्ना ने किया है, जिसमें मुख्य भूमिका में आमिर खान हैं। खान का किरदार गुलशन, एक बास्केटबॉल कोच है, जो कई जटिलताओं से जूझता है। उसकी छोटी कद-काठी और पिता द्वारा त्यागे जाने के कारण वह पिता बनने से कतराता है। जब उसकी पत्नी सुनीता (जेनिलिया देशमुख) के साथ शादी में दरार आती है, तो उसे एक वरिष्ठ को मारने के लिए निलंबित कर दिया जाता है और शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। न्यायालय उसे सामुदायिक सेवा का दंड देता है, जिसमें उसे विशेष जरूरतों वाले किशोरों की टीम को कोचिंग देनी होती है.


Gulshan's Transformation

गुलशन जब संस्थान में प्रवेश करता है, तो वहां के दयालु प्रबंधक (गुरपाल सिंह) उसे समझाते हैं कि हर किसी का सामान्य होने का विचार अलग होता है। गुलशन को एक ऊर्जावान लेकिन अनियंत्रित खिलाड़ियों के समूह का सामना करना पड़ता है, और धीरे-धीरे वह उनके साथ काम करना सीखता है.


Character Dynamics

टीम के खिलाड़ी, जो अच्छे से कास्ट किए गए हैं, में अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। वे निर्देशों का पालन नहीं कर पाते और अपने कोच के प्रति सम्मान की कमी दिखाते हैं, जब तक कि गुलशन उनकी स्नेह और विश्वास को अर्जित नहीं कर लेता। फिल्म में गुलशन की टीम के साथ बातचीत मजेदार है, लेकिन कभी-कभी ये पात्र कार्टून जैसे लगते हैं, खासकर एकमात्र महिला खिलाड़ी ग़ोलू, जिसे सिमरन मंगेशकर ने निभाया है.


Themes and Messages

हालांकि फिल्म का समावेशिता का संदेश सराहनीय है, लेकिन विशेष रूप से सक्षम बच्चों की वास्तविक चुनौतियों को नजरअंदाज किया गया है। स्पेनिश और हॉलीवुड संस्करणों में खिलाड़ियों की ज़िंदगी आगे बढ़ती है, जबकि हिंदी संस्करण में वे बचपन की मासूमियत में फंसे रहते हैं.


Conclusion

आमिर खान का गुलशन किरदार स्पष्ट रूप से विकसित होता है, जो उसकी प्रारंभिक निराशा से लेकर उसकी पूर्वाग्रहों और सीमाओं को संभालने तक का सफर है। फिल्म का भावनात्मक केंद्र गुलशन का अपने टीम, पत्नी और माँ (डॉली अहलुवालिया) के प्रति सच्ची देखभाल में बदलना है, और खान इस भूमिका को सहजता से निभाते हैं.


Cast and Performances

फिल्म में अरोश डत्ता, गोपी कृष्णन वर्मा, वेदांत शर्मा, नमन मिश्रा, ऋषि शाहानी, ऋषभ जैन, आशीष पेंडसे, सम्वित देसाई, सिमरन मंगेशकर और आयुष भंसाली जैसे अभिनेता हैं, जो अपनी अदाकारी से फिल्म में एक संक्रामक खुशी का अनुभव लाते हैं.


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