Desperately Seeking Susan: 1980 के दशक की एक सांस्कृतिक धरोहर
फिल्म का परिचय
1985 में रिलीज़ हुई कॉमेडी-ड्रामा 'Desperately Seeking Susan', जिसे सुसान साइडेलमैन ने निर्देशित किया, एक ऐसी फिल्म है जिसने समय के साथ अपनी पहचान बनाई है। यह फिल्म न केवल एक सांस्कृतिक मील का पत्थर बन गई, बल्कि इसे मडोना की पहली बड़ी फिल्म के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि इसके बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन साधारण था, लेकिन यह एक व्यावसायिक सफलता बन गई और चार दशकों बाद भी यह एक प्रिय कल्ट क्लासिक बनी हुई है।
कहानी का सार
यह फिल्म न्यूयॉर्क शहर में सेट है और इसमें एक बोरियत से भरी गृहिणी, जिसे रोसाना अर्क्वेट ने निभाया है, और एक बोहेमियन ड्रिफ्टर, जिसे मडोना ने निभाया है, की जिंदगियों को दर्शाया गया है। दोनों महिलाएं एक समाचार पत्र के व्यक्तिगत विज्ञापनों में छिपे संदेशों के माध्यम से जुड़ती हैं, जो उन्हें पहचान की गलतियों, आत्म-खोज और प्रेम से भरे एक रोमांच पर ले जाती हैं। मडोना का किरदार, जो विद्रोही और स्वतंत्र आत्मा वाली सुसान है, उनके करियर की शुरुआत का प्रतीक है।
फिल्म का प्रभाव
इस फिल्म ने कई प्रमुख अभिनेताओं जैसे जियानकार्लो एस्पोसिटो, स्टीवन राइट, लॉरी मेटकाफ और जॉन टर्टुरो के लिए शुरुआती भूमिकाएं भी प्रदान की।
वाणिज्यिक सफलता
लेओरा बैरिश और क्रेग नोलोटिन द्वारा लिखित, इस फिल्म ने 5 मिलियन डॉलर के बजट पर 27.3 मिलियन डॉलर की कमाई की। यह फिल्म वर्ष की 31वीं सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी, जो एक स्वतंत्र फिल्म के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
सांस्कृतिक महत्व
इसकी आलोचनात्मक प्रशंसा भी उल्लेखनीय रही, जिसमें कई समीक्षकों ने अर्क्वेट और मडोना के प्रदर्शन की सराहना की। फिल्म ने लिंग भूमिकाओं, नारीवाद और युप्पी संस्कृति पर एक नया दृष्टिकोण पेश किया। 2023 में, इस फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म रजिस्ट्री में संरक्षण के लिए चुना गया, जो इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
निष्कर्ष
Desperately Seeking Susan आज भी प्रेरणा और मनोरंजन का स्रोत बनी हुई है, यह साबित करते हुए कि कभी-कभी सबसे साधारण फिल्में भविष्य को आकार देने की सबसे अधिक शक्ति रखती हैं।