सुप्रीम कोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक के खिलाफ सुनवाई की सहमति दी
सुप्रीम कोर्ट में 'उदयपुर फाइल्स' की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 'उदयपुर फाइल्स' के निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दी है, जो दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है। यह फिल्म राजस्थान के उदयपुर में कथित इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए गए अपराधों पर आधारित है। सोमवार को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह "एक-दो दिन में" इस अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की। हाईकोर्ट का आदेश 10 जुलाई को आया, जो फिल्म की निर्धारित रिलीज से एक दिन पहले था। भाटिया ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म को रिलीज के लिए मंजूरी दे दी थी और सभी सिनेमाघर बुक हो चुके थे।
उच्च न्यायालय का आदेश और निर्माताओं की चिंताएं
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बागची की पीठ ने कहा कि वकील ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, यह बताते हुए कि सीबीएफसी के प्रमाणन के बावजूद फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई गई है। पीठ ने कहा कि वह बुधवार या उसके बाद किसी भी दिन इस पर सुनवाई करेगी। वकील ने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के अनुरोध पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी, जब तक कि केंद्र फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के अनुरोध पर निर्णय नहीं ले लेता।
फिल्म के विषय और विवाद
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वे अपनी शिकायत के साथ दो दिनों के भीतर केंद्र से संपर्क करें। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी द्वारा दायर याचिकाओं में कहा गया था कि फिल्म का ट्रेलर ऐसे संवादों से भरा है जो 2022 में सांप्रदायिक तनाव का कारण बने थे। फिल्म के निर्माता ने दलील दी कि यह भारत-पाकिस्तान की पृष्ठभूमि पर आधारित है और याचिकाकर्ता ने संवादों को संदर्भ से बाहर ले लिया है।
कन्हैया लाल की हत्या का मामला
उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या जून 2022 में हुई थी, जिसमें मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस शामिल थे। हमलावरों ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें कहा गया था कि यह हत्या पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी के जवाब में की गई थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा की गई थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था। यह याचिका मोहम्मद जावेद द्वारा दायर की गई थी, जो इस मामले में एक आरोपी है। जावेद ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया था जब तक कि मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।
फिल्म का ट्रेलर और विवाद
फिल्म का ट्रेलर 26 जून को जारी किया गया था, जिसमें ऐसे संवाद शामिल थे जो सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया। उच्च न्यायालय ने निर्माताओं को याचिकाकर्ताओं के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
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