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रामानंद सागर की 'रामायण': बाल कलाकारों के साथ सेट पर हुई मजेदार घटनाएं

रामानंद सागर की 'रामायण' ने भारतीय टेलीविजन पर एक अद्वितीय पहचान बनाई है। इस धारावाहिक ने दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी है। जानिए कैसे बाल कलाकारों के साथ सेट पर मजेदार घटनाएं हुईं, और रामानंद सागर ने उन्हें कैसे नियंत्रित किया। इस लेख में आपको 'रामायण' के पीछे की कुछ दिलचस्प कहानियाँ मिलेगी।
 
रामानंद सागर की 'रामायण': बाल कलाकारों के साथ सेट पर हुई मजेदार घटनाएं

भारतीय टेलीविजन का ऐतिहासिक धारावाहिक


मुंबई, 28 दिसंबर। रामानंद सागर की 'रामायण' ने भारतीय टेलीविजन पर एक अद्वितीय पहचान बनाई है, जिसने दर्शकों के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ी है। यह धारावाहिक, जो दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ, वाल्मीकि रामायण की कथा को हर घर तक पहुंचाने में सफल रहा। 29 दिसंबर को रामानंद सागर की जयंती मनाई जाएगी।


इस शो में अरुण गोविल (राम), दीपिका चिखलिया (सीता), सुनील लहरी (लक्ष्मण), और दारा सिंह (हनुमान) जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों को अमर बना दिया। इसकी लोकप्रियता का आलम यह था कि जब एपिसोड प्रसारित होते थे, तब सड़कें सुनसान हो जाती थीं। 'रामायण' से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं, जिनमें से एक रामानंद सागर और लव-कुश के बाल कलाकारों से जुड़ा है।


रामायण के उत्तर कांड में लव और कुश के किरदारों का विशेष महत्व था। इन भूमिकाओं के लिए रामानंद सागर ने पहले अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा के जुड़वां बेटों को कास्ट करने का विचार किया था, लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो सका। इसके बाद, उन्होंने महाराष्ट्र के दो युवा लड़कों, स्वप्निल जोशी (कुश) और मयूरेश क्षेत्रमाडे (लव) को चुना। दोनों ने अपनी मासूमियत और बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।


एक इंटरव्यू में, रामानंद सागर ने इन बाल कलाकारों के साथ सेट पर हुई मजेदार घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे दिल्ली के कुछ कलाकारों ने उन्हें परेशान किया। एक बार, कानपुर जाते समय एक टैक्सी पर 'लव कुश' लिखा देखकर उन्होंने टैक्सी ड्राइवर से पूछा, जिसने बताया कि यह उनके मालिक के बच्चों के नाम हैं। इसके बाद, उन्होंने उन लड़कों को ऑडिशन के लिए बुलाया।


सागर ने कहा, "उनकी उम्र लव-कुश के किरदार के लिए बिल्कुल सही थी। ऑडिशन में पास होने के बाद, मुझे लगा कि ये दोनों शरारती हैं और अच्छे अभिनेता भी होंगे। लेकिन जब शूटिंग शुरू हुई, तो समस्याएं बढ़ गईं। सेट पर आने के बाद, वे तैयार होकर बैठ जाते थे, लेकिन कैमरा ऑन होते ही कहते—'हम काम नहीं करेंगे!'"


रामानंद सागर ने आगे बताया, "पहले दो दिन ऐसे ही बीत गए। मैंने सोचा कि कुछ और उपाय करना पड़ेगा। फिर मैंने सेट पर एक नाटक रचा – दिखावे के लिए दो लोगों को डंडे से पीटा और एक टेबल तोड़ दी। इससे लड़कों को लगा कि अगर उन्होंने काम नहीं किया, तो उन्हें भी मार पड़ेगी। उस दिन थोड़ा काम हुआ। लेकिन अगली सुबह, वे फिर आए, हाथ में डंडे लेकर!"


उन्होंने बताया कि उस समय शूटिंग के लिए सांप लाए गए थे। जब सांप की टोकरी का मुंह खुला रह गया, तो दोनों लड़के डर गए। मैंने इसका फायदा उठाया—जहां वे शरारत करने लगते, मैं सांप की टोकरी का ढक्कन खोल देता। इससे वे तुरंत मान जाते और डायलॉग बोलने लगते। इस 'सांप ट्रिक' से मैंने दोनों को नियंत्रित किया और शूटिंग सफलतापूर्वक पूरी हुई।


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