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रक्षाबंधन 2025: इस बार राखियों में क्या है खास? जानें नए ट्रेंड और डिज़ाइन

रक्षाबंधन 2025 का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर है। इस साल राखियों में पारंपरिकता और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। बाजार में इको-फ्रेंडली राखियों से लेकर चांदी और सोने की राखियों तक की विविधता है। बच्चों के लिए कार्टून राखियों का आकर्षण भी खास है। जानें इस साल के ट्रेंड और डिज़ाइन के बारे में विस्तार से।
 
रक्षाबंधन 2025: इस बार राखियों में क्या है खास? जानें नए ट्रेंड और डिज़ाइन

रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के रिश्ते का पर्व

Raksha Bandhan 2025 Inside Story Latest Trending Rakhi Varieties

Raksha Bandhan 2025 Inside Story Latest Trending Rakhi Varieties

रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन का संबंध विश्व के सबसे पवित्र और निष्कलंक रिश्तों में से एक माना जाता है। यह त्योहार हर साल एक नई चमक के साथ आता है। रक्षाबंधन केवल राखी बांधने का अवसर नहीं है, बल्कि यह भावनाओं को संजोने और रिश्तों को और मजबूत बनाने का एक अवसर है। हर साल सावन की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व, रिश्तों में नई ताजगी और उमंग लाने के साथ-साथ बाजारों में भी रौनक लाता है। इस बार राखी का बाजार नए फैशन और ट्रेंड के साथ सज चुका है।


राखी अब केवल रेशम के धागे तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह फैशन, भावनाओं और संस्कृति का प्रतीक बन चुकी है। बच्चों की कार्टून राखियों से लेकर युवाओं के लिए स्टाइलिश ब्रेसलेट राखियों तक, इस बार का बाजार कुछ खास है।


राखियों में रॉयल और पारंपरिक डिज़ाइन

इस साल राखियों में पारंपरिकता और आधुनिकता का सुंदर मिश्रण देखने को मिल रहा है। रेशम के धागों से लेकर कुंदन, जरदोजी और बीड्स से सजी राखियां खासकर युवतियों की पसंद बनी हुई हैं। फ्लोरल डिज़ाइन, पर्ल लटकन, हाथ से बनी राखियां और इको-फ्रेंडली राखियों की मांग भी तेजी से बढ़ी है।


ईको-फ्रेंडली राखियां कपास, जूट, खादी, बांस, गोबर, बीज, और पेपर जैसी बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बनाई जाती हैं, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं। ये राखियां कुछ समय बाद खुद ही प्राकृतिक रूप से गल जाती हैं।


बाजार में राखियों की बहार

दिल्ली के चांदनी चौक और लखनऊ के अमीनाबाद जैसे व्यस्त बाजारों में राखी की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, इस बार राखियों की बिक्री में त्योहार के करीब आते ही 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार रक्षाबंधन पर व्यापार 5 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।


बच्चों के लिए कार्टून राखियों का आकर्षण

रक्षाबंधन पर बच्चों के लिए बाजार में कार्टून राखियों का रंग-बिरंगा संग्रह देखने को मिल रहा है। डोरेमोन, छोटा भीम, और स्पाइडरमैन जैसी राखियों की भरमार है। इन राखियों में लाइट, म्यूजिक और घड़ी जैसी फंक्शनल खूबियां भी जोड़ी गई हैं।


इनकी कीमत ₹30 से ₹150 के बीच है, और बच्चों ने इन्हें बड़े चाव से चुना है।


पारंपरिक राखियों का बड़ा वेरायटी

बड़ों के लिए पारंपरिक और क्लासिक लुक वाली राखियों में रेशम, सिल्क और मोल्डेड धागों से सजाई गई राखियां खास पसंद की जा रही हैं। इनकी कीमतें 100 से 500 रुपये के बीच हैं।


कुछ राखियां रिश्तों की गहराई को दर्शाती हैं, जैसे 'आई लव माय ब्रदर' और 'बेस्ट सिस्टर' जैसी मैसेज वाली राखियां।


मेड इन इंडिया राखियों की बढ़ती मांग

कोरोना के बाद 'लोकल फॉर वोकल' ट्रेंड के चलते मेड इन इंडिया राखियों की मांग बढ़ी है। इनकी कीमतें 20 रुपये से लेकर 500 रुपये तक हैं।


ग्राहक स्थानीय विक्रेताओं से इन राखियों को पसंद कर रहे हैं।


चांदी और सोने की राखियों की चर्चा

इस साल चांदी और सोने की राखियों की खरीददारी में विशेष रुचि देखी जा रही है। चांदी की राखियों की कीमत 400 से 8,000 रुपये तक है।


सोने की राखियों की कीमत 4,000 रुपये से शुरू होकर 1 लाख रुपये तक जा रही है।


कमर्शियल राखियों का ट्रेंड

कई कंपनियां कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैम्पर्स और राखियों के साथ मिठाइयों का पैक बना रही हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर 500 से 5000 रुपये तक के गिफ्ट सेट उपलब्ध हैं।


इसमें 3D प्रिंटेड राखियां और नाम वाली राखियां भी शामिल हैं।


रक्षाबंधन की मिठास

राखियों के साथ मिठाइयों की मांग भी बढ़ रही है। बहनें अपने भाइयों को 'गुलाब-जामुन इन जार' और 'मिठाई कैंडल्स' जैसे फ्यूजन गिफ्ट भेज रही हैं।


रक्षाबंधन 2025 में बाजार केवल राखियों से नहीं, बल्कि भावनाओं से भी भरा हुआ है।


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