क्या ‘होमबाउंड’ बनेगा भारतीय सिनेमा का नया सितारा? जानें ऑस्कर 2026 की टॉप 15 में जगह पाने की कहानी!
भारतीय सिनेमा की नई उपलब्धि
भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सामने आया है। निर्देशक नीरज घेवान की फिल्म ‘होमबाउंड’ को 98वें अकादमी अवॉर्ड्स, यानी ऑस्कर 2026 में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी के लिए टॉप 15 शॉर्टलिस्ट में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि ने भारत की ऑस्कर में उपस्थिति को और मजबूत करने की उम्मीदें जगा दी हैं। फिल्म में ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
ऑस्कर 2026 की शॉर्टलिस्ट
अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने मंगलवार को ऑस्कर 2026 के लिए 12 विभिन्न श्रेणियों की शॉर्टलिस्ट जारी की। इनमें इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी विशेष रूप से चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसमें दुनिया भर से चुनी गई 15 फिल्मों को शामिल किया गया है। इनमें से केवल 5 फिल्मों को फाइनल नॉमिनेशन मिलेगा, जिनकी घोषणा 22 जनवरी 2026 को की जाएगी। इसके बाद 15 मार्च 2026 को ऑस्कर अवॉर्ड्स का भव्य समारोह आयोजित होगा।
‘होमबाउंड’ का महत्व
नीरज घेवान की ‘होमबाउंड’ का इस प्रतिष्ठित सूची में आना भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। नीरज पहले भी अपनी संवेदनशील और यथार्थवादी फिल्मों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। उनकी फिल्में सामाजिक मुद्दों को गहराई और मानवीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं। ‘होमबाउंड’ को भी इसी श्रेणी की फिल्म माना जा रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय जूरी का ध्यान आकर्षित किया है।
कलाकारों की सराहना
फिल्म में ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर की तिकड़ी पहली बार एक साथ बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा में है। तीनों कलाकारों के अभिनय की सराहना पहले ही कई फिल्म महोत्सवों में की जा चुकी है। जान्हवी कपूर के लिए यह फिल्म उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है, जबकि ईशान खट्टर और विशाल जेठवा भी अपनी सशक्त अभिनय क्षमता के चलते वैश्विक पहचान की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं।
भारतीय सिनेमा की बदलती छवि
फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने ‘होमबाउंड’ के शॉर्टलिस्ट में आने को भारतीय सिनेमा की बदलती वैश्विक छवि का प्रतीक बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंटेंट-ड्रिवन और यथार्थपरक कहानियों के कारण अब भारतीय फिल्में केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर गंभीर सिनेमा के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं।
आगे की चुनौतियाँ
हालांकि ‘होमबाउंड’ को अंतिम नॉमिनेशन के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा, लेकिन टॉप 15 में जगह बनाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। अब सभी की नजरें 22 जनवरी 2026 पर टिकी हैं, जब यह तय होगा कि ‘होमबाउंड’ ऑस्कर की अंतिम पांच नामांकित फिल्मों में शामिल हो पाती है या नहीं।
भारतीय सिनेमा का भविष्य
यदि फिल्म फाइनल नॉमिनेशन तक पहुंचती है, तो यह भारतीय सिनेमा के लिए एक और ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हो सकती है और वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त रचनात्मक पहचान को और मजबूत करेगी।
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