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क्या है योग दिवस 2025 की थीम और इसके महत्व? जानें खास कार्यक्रम और लाभ

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है, इस बार 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' की थीम के साथ आ रहा है। जानें इस दिन का महत्व, इसे मनाने का कारण, और सरकार द्वारा आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में। योग के शारीरिक और मानसिक लाभों पर भी चर्चा की जाएगी। इस विशेष दिन को मनाने के लिए तैयार रहें और जानें कि कैसे योग आपके जीवन का हिस्सा बन सकता है।
 
क्या है योग दिवस 2025 की थीम और इसके महत्व? जानें खास कार्यक्रम और लाभ

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: एक नई शुरुआत

International Yoga Day 2025

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: हर वर्ष 21 जून को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह न केवल भारत की प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह स्वास्थ्य और संतुलन की दिशा में एक सामूहिक प्रयास भी है। 2025 में यह 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस होगा और इस बार की थीम है — 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' यानी 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग'। आइए जानते हैं इस विशेष दिन का इतिहास, इसे 21 जून को मनाने का कारण, इस बार की थीम का महत्व और सरकार द्वारा आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में। साथ ही, हम योग के वैज्ञानिक लाभ और इसके आधुनिक युग में बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा करेंगे।


योग दिवस 2025 की थीम- 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ'

इस वर्ष की थीम 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य की धारणा को बदलती है, बल्कि यह दर्शाती है कि मानव स्वास्थ्य धरती के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। यह विचार भारतीय दर्शन के मूल मंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ से प्रेरित है, जिसका अर्थ है 'संपूर्ण विश्व एक परिवार है।'


योग दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी। उन्होंने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग की महत्ता को प्रस्तुत करते हुए एक विशेष दिवस की मांग की। मात्र 75 दिनों में, 11 दिसंबर 2014 को, UNGA ने 177 देशों के समर्थन से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसमें दिल्ली के राजपथ पर 35,985 लोगों ने सामूहिक योग किया। यह आयोजन 84 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।


21 जून का चयन क्यों?

21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे गर्मी के संक्रांति दिवस (Summer Solstice) के रूप में भी जाना जाता है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, यह दिन सूर्य की ऊर्जा का प्रतीक है और योग के अभ्यास में सूर्य का विशेष महत्व है, जैसे सूर्य नमस्कार। यह दिन प्रकृति और आत्मा के बीच संतुलन को दर्शाने वाला माना जाता है, इसलिए इसे योग के लिए आदर्श तिथि चुना गया।


योग दिवस 2025 के 10 प्रमुख कार्यक्रम

इस बार योग दिवस को व्यापक बनाने के लिए सरकार द्वारा 10 विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है:


1. योग संगम- 1 लाख स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन।


2. योग बंधन- सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए योग के जरिए एकता।


3. योग पार्क- सार्वजनिक स्थलों पर योग केंद्रों की स्थापना।


4. योग समावेश- सभी आयु वर्ग के लोगों को जोड़ने वाली पहल।


5. योग प्रभाव- स्वास्थ्य पर योग के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा।


6. योग कनेक्ट- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवाओं को जोड़ना।


7. हरित योग- पर्यावरण संरक्षण के साथ योग का जुड़ाव।


8. योग अनप्लग्ड- सोशल मीडिया से ब्रेक लेकर आत्मचिंतन।


9. योग महाकुंभ- विशाल सार्वजनिक योग आयोजनों का आयोजन।


10. संयोग- योग का अन्य भारतीय कलाओं के साथ समन्वय।


योग का महत्व- शारीरिक और मानसिक लाभ

योग केवल शरीर को लचीला और तंदुरुस्त बनाना नहीं है, बल्कि यह मानसिक संतुलन, भावनात्मक स्थिरता और आत्मिक विकास में भी सहायक है। इसके प्रमुख लाभों में शामिल हैं: प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, तनाव और चिंता से राहत, रीढ़ और जोड़ों की मजबूती, रक्तचाप और मधुमेह पर नियंत्रण, एकाग्रता और स्मृति में वृद्धि।


योग का वैश्विक प्रभाव

आज विश्व के 190 से अधिक देशों में योग दिवस मनाया जाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, रूस, जर्मनी, और चीन जैसे बड़े देश भी योग की महत्ता को स्वीकार कर चुके हैं। UNESCO ने 'योग' को 2016 में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी। WHO भी योग को जीवनशैली रोगों से लड़ने का एक प्रभावी उपाय मानता है।


पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, 'योग हमारे प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह शरीर और मन, विचार कर्म, आत्मा और ब्रह्मांड के बीच एकता का प्रतीक है।' योग दिवस 2025 की थीम और उससे जुड़े कार्यक्रम यह स्पष्ट करते हैं कि अब समय केवल व्यक्तिगत फिटनेस की बात करने का नहीं, बल्कि एक संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था अपनाने का है। आइए, इस 21 जून को हम सभी मिलकर “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” की भावना के साथ योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।


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