क्या आप जानते हैं क्रिकेट मैच फिक्सिंग पर बनी ये 5 चर्चित फिल्में?
मैच फिक्सिंग पर आधारित फिल्में
खेल जगत, खासकर क्रिकेट, में मैच फिक्सिंग ने कई बार विवादों को जन्म दिया है। बॉलीवुड ने भी इस संवेदनशील मुद्दे को कई फिल्मों के माध्यम से उठाया है। इस विषय पर कई फिल्में बनाई जा चुकी हैं, जिनमें से कुछ सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं, जबकि अन्य पूरी तरह से काल्पनिक हैं। आइए जानते हैं ऐसी 5 फिल्मों के बारे में जो मैच फिक्सिंग पर केंद्रित हैं।
फिल्म 'अजहर'
2016 में आई इस फिल्म का निर्माण एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर ने किया था। इसमें इमरान हाशमी, प्राची देसाई, नरगिस फाखरी और लारा दत्ता ने अभिनय किया है। यह फिल्म भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन की बायोपिक है, जिसमें उनके क्रिकेट करियर और मैच फिक्सिंग के आरोपों से हुई बर्बादी को दर्शाया गया है। हालांकि, यह फिल्म पूरी तरह से सत्य पर आधारित होने का दावा नहीं करती।
फिल्म 'जन्नत'
इमरान हाशमी की 2008 में रिलीज हुई इस फिल्म ने दर्शकों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की। इसका निर्देशन कुणाल देशमुख ने किया था। यह एक रोमांटिक क्राइम फिल्म है, जिसमें एक सट्टेबाज की कहानी दिखाई गई है जो क्रिकेट मैच फिक्सिंग के जाल में फंस जाता है। 'जन्नत' प्यार, लालच और अपराध के इर्द-गिर्द घूमती है।
फिल्म 'सैफरन टेरर'
इस साल रिलीज हुई एक राजनीतिक थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन केदार गायकवाड़ ने किया है। इसमें विनीत कुमार सिंह, अनुजा साठे और मनोज जोशी ने अभिनय किया है। यह फिल्म कर्नल कंवर खटाना की किताब 'द गेम बिहाइंड सैफरन टेरर' से प्रेरित है, जिसमें मैच फिक्सिंग के माध्यम से राजनीतिक साजिशों और आतंकवाद की कहानी को दर्शाया गया है।
फिल्म 'ढिशूम'
रोहित धवन द्वारा निर्देशित 2016 की फिल्म 'ढिशूम' एक पुलिस एक्शन-कॉमेडी है, जिसमें जॉन अब्राहम, वरुण धवन, जैकलीन फर्नांडीज और अक्षय खन्ना मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म में एक भारतीय क्रिकेटर का अपहरण कर लिया जाता है ताकि वह भारत-पाकिस्तान मैच में न खेल सके। 'ढिशूम' में सट्टेबाजी और फिक्सिंग के मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया गया है।
फिल्म 'टेस्ट'
आर माधवन, नयनतारा और सिद्धार्थ की फिल्म 'टेस्ट' भी इसी साल रिलीज हुई है। यह फिल्म हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई है और इसमें जुनून की कहानी दिखाई गई है, जो किसी को बर्बाद कर देती है और किसी को सफल बनाती है।