क्या आप जानते हैं एवा गार्डनर का भारत से क्या रिश्ता है? जानें इस हॉलीवुड आइकन की कहानी!
एवा गार्डनर: हॉलीवुड की एक अद्वितीय पहचान
नई दिल्ली, 23 दिसंबर। हॉलीवुड के इतिहास में 24 दिसंबर का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन, 1922 में, अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में प्रसिद्ध अभिनेत्री एवा गार्डनर का जन्म हुआ। उनकी अद्वितीय सुंदरता, गहरी अभिनय क्षमता और रहस्यमय व्यक्तित्व के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि उनका भारत से भी एक खास संबंध है, क्योंकि उन्होंने आजाद भारत की पृष्ठभूमि पर बनी एक फिल्म में एंग्लो-इंडियन महिला का किरदार निभाया था।
1956 में रिलीज हुई 'भवानी जंक्शन' में एवा गार्डनर ने हॉलीवुड की एक स्टार के रूप में नजर आईं। यह फिल्म एक ब्रिटिश उपन्यास पर आधारित थी, लेकिन इसे भारत में शूट नहीं किया गया। उस समय की सरकार ने स्क्रिप्ट को पहले देखने और टैक्स में छूट न देने की शर्त रखी, जिसके कारण पूरी फिल्म पाकिस्तान में शूट की गई। एंग्लो-इंडियन एवा का साड़ी में लुक काफी चर्चित हुआ।
इस फिल्म से पहले, एवा ने कई सफलताएँ हासिल की थीं। उनकी हॉलीवुड में एंट्री की कहानी भी दिलचस्प है। 1941 में, उनके बहनोई लैरी टार के फोटोग्राफी स्टूडियो की खिड़की पर उनकी एक तस्वीर लगी थी। एक ऑफिस बॉय ने उनकी तस्वीर देखकर टार से गार्डनर का फोन नंबर मांगा। हालांकि, नंबर नहीं मिला, लेकिन टार ने गार्डनर की रुचि को गंभीरता से लिया और उनकी तस्वीरें मेट्रो-गोल्डविन-मेयर के न्यूयॉर्क कार्यालय को भेज दीं।
इसके बाद, गार्डनर को एमजीएम में इंटरव्यू और स्क्रीन टेस्ट का मौका मिला। स्क्रीन टेस्ट के दौरान, कार्यकारी अधिकारी मार्विन शेंक उनकी खूबसूरती से प्रभावित हुए और गार्डनर की रील बिना वॉयस रिकॉर्डिंग के हॉलीवुड भेज दी, क्योंकि उन्हें डर था कि उनका नॉर्थ कैरोलिना का लहजा आड़े आ सकता है। यह रणनीति सफल रही और गार्डनर को सात साल का, 50 डॉलर प्रति सप्ताह का अनुबंध मिला, जिसने उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
एवा गार्डनर ने 1940 और 1950 के दशक में हॉलीवुड के स्वर्णिम युग को परिभाषित किया। उनका करियर एमजीएम स्टूडियो से शुरू हुआ, लेकिन असली पहचान 1946 की फिल्म 'द किलर्स' से मिली। इसके बाद 'शो बोट', 'मोगैम्बो' और 'द नाइट ऑफ द इगुआना' जैसी फिल्मों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्टार बना दिया। 1953 में मोगैम्बो के लिए उन्हें ऑस्कर नामांकन भी मिला, जो उनके अभिनय कौशल की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण था।
एवा गार्डनर का निजी जीवन भी उतना ही चर्चित रहा जितना उनका करियर। प्रसिद्ध गायक फ्रैंक सिनात्रा के साथ उनका विवाह उस समय की सबसे चर्चित प्रेम कहानियों में से एक था। हालांकि, उनका जीवन संघर्षों और असफल रिश्तों से भरा रहा, लेकिन यही जटिलताएं उनके अभिनय में गहराई और सच्चाई लेकर आईं।
फिल्म इतिहासकार डेविड थॉमसन अपनी किताब 'द न्यू बायोग्राफिकल डिक्शनरी ऑफ फिल्म' में एवा गार्डनर को “स्क्रीन पर स्वाभाविक आकर्षण और भावनात्मक तीव्रता का दुर्लभ मेल” बताते हैं। वहीं 'हॉलीवुड दीवाज' में उन्हें उन अभिनेत्रियों में गिना गया है, जिन्होंने केवल सुंदरता ही नहीं बल्कि सशक्त अभिनय से भी अपनी पहचान बनाई।
25 जनवरी 1990 को एवा गार्डनर का निधन हो गया, लेकिन उन्होंने अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ी। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जन्मी यह अभिनेत्री हॉलीवुड के उस युग की प्रतीक हैं, जब सितारे केवल पर्दे पर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना में भी अमर हो जाया करते थे।
--News Media
केआर/
.png)