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कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास के लिए एक पौष्टिक विकल्प

कुट्टू आटा नवरात्रि के दौरान उपवास के लिए एक महत्वपूर्ण और पौष्टिक विकल्प है। यह न केवल ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इस लेख में, हम कुट्टू के उत्पादन क्षेत्र, इसके पौष्टिक तत्व, स्वास्थ्य लाभ और असली-नकली कुट्टू की पहचान के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, कुट्टू से बनने वाले विभिन्न व्यंजनों की विधि भी साझा की जाएगी। जानें कैसे कुट्टू का सेवन आपको नवरात्रि में स्वस्थ और ऊर्जावान रख सकता है।
 

कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास का खास हिस्सा

कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास के लिए एक पौष्टिक विकल्प

Chaitra Navratri 2025 Special Kuttu Atta History

Chaitra Navratri 2025 Special Kuttu Atta History

चैत्र नवरात्रि 2025: उपवास के दौरान फलाहार में कुट्टू के आटे का उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों के लिए किया जाता है। व्रति लोग अनाज के विकल्प के रूप में कुट्टू (Buckwheat) का सेवन करते हैं। यह पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है, जिससे ऊर्जा बनी रहती है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुट्टू की पैदावार कहां होती है और इसकी शुद्धता की पहचान कैसे की जाती है? आइए जानते हैं कुट्टू के उत्पादन क्षेत्र, इसके लाभ, उपयोग और असली-नकली कुट्टू की पहचान के बारे में विस्तार से -


कुट्टू का परिचय और इसकी उपस्थिति

कुट्टू क्या है और यह कहां पाया जाता है

कुट्टू (Buckwheat) एक पारंपरिक अनाज नहीं है, बल्कि यह एक छद्म-अनाज (Pseudo-cereal) है, जो घास के बजाय पौधे के बीज से प्राप्त होता है। इसे मुख्य रूप से व्रतों में खाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Fagopyrum esculentum है।

कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास के लिए एक पौष्टिक विकल्प

यह Polygonaceae (बकव्हीट या घसियाली पौधों) परिवार का सदस्य है। कुट्टू का पौधा एक छोटा, झाड़ीदार और सीधा बढ़ने वाला वार्षिक पौधा होता है, जिसकी ऊंचाई 2-4 फीट तक हो सकती है। इसके पत्ते हरे, त्रिकोणीय या दिल के आकार के होते हैं। फूल छोटे-छोटे सफेद या गुलाबी रंग के गुच्छों में होते हैं। कुट्टू का बीज त्रिकोणीय, कठोर और भूरे-काले रंग का होता है, जो पीसकर आटा बनाया जाता है। यह पौधा 60-90 दिनों में तैयार हो जाता है और इसे ठंडे व समशीतोष्ण जलवायु में उगाया जाता है।


कुट्टू का पारिस्थितिक महत्व

कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास के लिए एक पौष्टिक विकल्प

कुट्टू का पारिस्थितिक महत्व:

यह अपने पौष्टिक लाभ के साथ ही साथ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक होता है। मधुमक्खियों के लिए यह एक अच्छा पराग स्रोत होता है, जिससे शहद उत्पादन बढ़ता है। जैविक खेती में इसे ‘कवर क्रॉप’ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह मिट्टी में नाइट्रोजन बनाए रखने में मदद करता है।


कुट्टू के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र

कुट्टू का पौधा खेती और पोषण दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है, खासकर नवरात्रि और उपवास में इसकी मांग बढ़ जाती है।

भारत में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और झारखंड में कुट्टू की खेती की जाती है। रूस, चीन, यूक्रेन, पोलैंड और अमेरिका भी इसके प्रमुख उत्पादक देश हैं। यह ठंडे और पहाड़ी इलाकों में अच्छी तरह उगता है।


कुट्टू में पौष्टिक तत्व

कुट्टू में शामिल हैं ये पौष्टिक तत्व:-

प्रोटीन

शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

फाइबर

पाचन को सुधारता है और कब्ज से बचाता है।

कुट्टू आटा: नवरात्रि में उपवास के लिए एक पौष्टिक विकल्प

मैग्नीशियम

हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

एंटीऑक्सीडेंट

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

ग्लूटेन-फ्री

ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए आदर्श विकल्प।


कुट्टू के स्वास्थ्य लाभ

स्वास्थ्य लाभ

1. डायबिटीज नियंत्रण:

इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।

2. वजन कम करने में मददगार:

कुट्टू का फाइबर पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे भूख कम लगती है।

3. हृदय स्वास्थ्य:

इसमें मौजूद रूटिन (Rutin) नामक यौगिक रक्तचाप को नियंत्रित रखता है और हृदय रोगों से बचाव करता है।

4. पाचन में सहायक: उच्च फाइबर सामग्री के कारण यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।

5. एनर्जी बूस्टर: यह व्रत के दौरान ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।


कुट्टू से बनने वाले व्यंजन

3. कुट्टू से बनने वाले व्यंजन और उनकी विधि

(1) कुट्टू के आटे की पूरी

सामग्री:

- 1 कप कुट्टू का आटा।

- 1 उबला हुआ आलू (मसला हुआ)।

- सेंधा नमक स्वादानुसार।

- थोड़ा सा जीरा।

- पानी आवश्यकतानुसार।

- तलने के लिए घी या तेल।

विधि:

1. एक बर्तन में कुट्टू का आटा, उबला आलू, सेंधा नमक और जीरा मिलाएं।

2. आवश्यकतानुसार पानी डालकर आटा गूंथ लें।

3. छोटी-छोटी लोई बनाकर बेल लें और गरम घी में तल लें।

4. गरमा-गरम पूरी को दही या आलू की सब्जी के साथ परोसें।

(2) कुट्टू का हलवा

सामग्री:

- 1 कप कुट्टू का आटा।

- 2 बड़े चम्मच घी।

- 1/2 कप गुड़ या चीनी ।

- 1.5 कप पानी ।

- 1/2 चम्मच इलायची पाउडर ।

- 1 बड़ा चम्मच कटे हुए मेवे (बादाम, काजू, पिस्ता) ।

विधि:

1. कढ़ाई में घी गरम करें और उसमें कुट्टू के आटे को भूनें जब तक हल्का भूरा न हो जाए।

2. पानी में गुड़ घोलकर आटे में डालें और अच्छी तरह मिलाएं।

3. धीमी आंच पर पकने दें और लगातार हिलाते रहें।

4. इलायची पाउडर और कटे हुए मेवे डालें और गरमा-गरम परोसें।

(3) कुट्टू के चीला (पैनकेक)

सामग्री:

- 1 कप कुट्टू का आटा ।

- 1/2 कप दही ।

- सेंधा नमक स्वादानुसार ।

- हरी मिर्च और धनिया पत्ती (बारीक कटी हुई) ।

- पानी आवश्यकतानुसार ।

- थोड़ा सा घी या तेल ।

विधि:

1. एक बाउल में कुट्टू का आटा, दही और पानी डालकर घोल तैयार करें।

2. इसमें हरी मिर्च, धनिया और सेंधा नमक डालें।

3. तवे पर थोड़ा घी डालें और घोल को फैलाकर धीमी आंच पर दोनों तरफ से सेंकें।

4. दही या चटनी के साथ परोसें.


असली और नकली कुट्टू के आटे की पहचान

4. असली और नकली कुट्टू के आटे की पहचान

व्रत के दौरान बाजार में नकली कुट्टू के आटे की बिक्री बढ़ जाती है, इसलिए असली और नकली की पहचान करना जरूरी है।

असली कुट्टू के आटे की पहचान

रंग:

हल्का भूरा और थोड़ा मोटा दानेदार होता है।

स्वाद:हल्का कड़वा और अखरोट जैसा स्वाद आता है।

गंध:

ताजा कुट्टू के आटे में हल्की मिट्टी जैसी सुगंध होती है।

असली आटा पानी में डालने पर नीचे बैठता है और झाग नहीं बनाता।

नकली कुट्टू के आटे की पहचान

रंग: ज्यादा सफेद या ज्यादा गहरा हो सकता है।

स्वाद:

स्वाद में अधिक तिक्तता (कड़वाहट) होती है या बिल्कुल भी स्वाद नहीं आता।

गंध:

कोई विशेष गंध नहीं होती या बासी जैसी गंध आती है।

पानी में घोलने पर:

अगर यह मिलावटी है, तो पानी में डालते ही झाग बनने लगता है।

सही कुट्टू का आटा खरीदने के लिए टिप्स

प्रमाणित ब्रांड से खरीदें।

पैकेट पर निर्माण और एक्सपायरी तिथि देखें।

अधिक पिसा हुआ और सफेद रंग का आटा न खरीदें।

खरीदने से पहले थोड़ा आटा पानी में घोलकर जांच लें।

कुट्टू व्रत में खाने के लिए एक बेहतरीन और पोषक विकल्प है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है और इसके कई प्रकार के व्यंजन बनाए जा सकते हैं। लेकिन बाजार में मिलने वाले नकली कुट्टू के आटे से सावधान रहना आवश्यक है। सही पहचान और सही स्रोत से कुट्टू का आटा खरीदने से आपको असली और पौष्टिक आहार मिल सकेगा।

नवरात्रों में कुट्टू का सेवन कर आप ऊर्जा से भरपूर और स्वस्थ रह सकते हैं।


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