कन्नड़ सिनेमा के दिग्गज एस. वी. राजेंद्र सिंह बाबू ने पूरे किए 50 साल, मंत्री ने की सराहना
एस. वी. राजेंद्र सिंह बाबू का 50 साल का सफर
बेंगलुरु में 23 अक्टूबर को प्रसिद्ध निर्देशक एस. वी. राजेंद्र सिंह बाबू ने कन्नड़ फिल्म उद्योग में अपने 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी भी उपस्थित थे।
कुमारस्वामी ने कन्नड़ सिनेमा की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग इस क्षेत्र को सम्मान की दृष्टि से देखता है।
उन्होंने कहा, "कन्नड़ फिल्म उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है और गुणवत्तापूर्ण फिल्में बना रहा है। भारतीय फिल्म जगत हमारी ओर प्रशंसा की दृष्टि से देख रहा है। फिर भी कन्नड़ सिनेमा को और भी अधिक सफलता प्राप्त करनी चाहिए। निर्माताओं को अच्छी फिल्में बनाने के अधिक अवसर मिलने चाहिए।"
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कन्नड़ फिल्म उद्योग के विकास के लिए प्रमुख अभिनेताओं को अधिक फिल्मों में काम करना चाहिए और नए प्रतिभाओं को इस क्षेत्र में आना चाहिए।
उन्होंने कन्नड़ सिनेमा के समृद्ध इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि डॉ. राजकुमार, डॉ. विष्णुवर्धन और अंबरीश जैसे दिग्गजों ने इस उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
कुमारस्वामी ने चिंता व्यक्त की कि वर्तमान में कन्नड़ भाषा की फिल्में कम बन रही हैं, जिसके कारण दर्शक डब फिल्मों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास बेहतरीन निर्देशक और कहानियां हैं, और उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि अधिक कन्नड़ फिल्में बनें।
राजेंद्र सिंह बाबू की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि निर्देशक और निर्माता के रूप में पांच दशकों का सफर आसान नहीं होता। उन्होंने उनकी तुलना स्वर्गीय पुट्टन्ना कनागल और सिद्धलिंगैया जैसे दिग्गजों से की।
इस कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा विधायक सीएन अश्वथ नारायण, पूर्व मंत्री मुनिरत्न, अभिनेता किच्चा सुदीप, निर्माता रॉकलाइन वेंकटेश, और अनुभवी फिल्म निर्माता गिरीश कासरवल्ली भी शामिल हुए।
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