अरुण बाली: भारतीय सिनेमा के वो सितारे जिनकी यादें आज भी जिंदा हैं
अरुण बाली का अद्वितीय सफर
नई दिल्ली, 22 दिसंबर। भारतीय फिल्म और टेलीविजन के महान अभिनेता अरुण बाली भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं। उन्होंने हर भूमिका में जान डाल दी, जिससे लोग उन्हें कभी नहीं भूल पाते। '3 इडियट्स', 'पीके', और 'लगे रहो मुन्नाभाई' जैसी फिल्मों से लेकर 'नीम का पेड़' जैसे टीवी शो तक, अरुण बाली ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी।
अरुण बाली का जन्मदिन 23 दिसंबर को है। उन्होंने अपने करियर में टीवी से लेकर बॉलीवुड तक लंबा सफर तय किया। उनकी अंतिम फिल्म 'गुडबाय' के रिलीज के दिन ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
अरुण बाली का प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा था। कहा जाता है कि उन्हें अभिनय के साथ-साथ गायन का भी शौक था। एक बार थिएटर में प्रदर्शन करते समय वह इतनी घबराहट में थे कि अपने संवाद भूल गए। दर्शकों ने हूटिंग शुरू कर दी, और जब वह बैकस्टेज पहुंचे, तो निर्देशक ने उन्हें डांट दिया।
इस घटना से निराश होकर उन्होंने थिएटर छोड़ने का निर्णय लिया, लेकिन उनके बड़े भाई ने उनकी स्थिति को समझा और उन्हें प्रेरित किया कि सीखने की प्रक्रिया में डांट का बुरा नहीं मानना चाहिए। इस सलाह ने अरुण बाली को फिर से आगे बढ़ने का हौसला दिया।
अरुण बाली ने टीवी की दुनिया में सफलता पाई। 'नीम का पेड़', 'चाणक्य', 'स्वाभिमान', और 'कुमकुम' जैसे कई शो में उन्होंने यादगार भूमिकाएँ निभाईं। असली पहचान उन्हें 'कुमकुम' से मिली, जिसके बाद उन्होंने 1991 में 'सौगंध' से फिल्मी करियर की शुरुआत की।
इसके बाद उन्होंने 'यलगार', 'राजू बन गया जेंटलमैन', 'फूल और अंगारे', 'खलनायक', 'सत्या', 'हे राम', 'लगे रहो मुन्नाभाई' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। वह 'केदारनाथ', 'थ्री इडियट्स', 'पीके', 'पानीपत', 'बर्फी', 'लाल सिंह चड्ढा', और 'गुडबाय' में भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आए।
उन्होंने अपने अंतिम क्षणों तक काम किया। 7 अक्टूबर 2022 को उनका निधन हो गया, और उसी दिन उनकी फिल्म 'गुडबाय' रिलीज हुई।
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