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बाढ़ के दुष्प्रभाव: दिल्ली के लोगों में बढ़ी आंखों की ये बीमारी, कहीं आपको भी तो नहीं हो रही है ऐसी दिक्कत?

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़, बारिश, जलभराव और उमस के बाद अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बुखार, ठंड लगना, उल्टी और दस्त के बाद लोगों, खासकर बच्चों में लाल आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या बढ़ गई है। नेत्र अस्पतालों में खुजली, सूजन आदि से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है।
 
दिल्ली-एनसीआर में बाढ़, बारिश, जलभराव और उमस के बाद अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बुखार, ठंड लगना, उल्टी और दस्त के बाद लोगों, खासकर बच्चों में लाल आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या बढ़ गई है। नेत्र अस्पतालों में खुजली, सूजन आदि से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की समस्या लेकर आने वाला हर तीसरा या चौथा व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है। बता दें कि यह संक्रामक रोग नमी और ह्यूमिडिटी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति की आंखों के सामने, रूमाल, रूमाल या घर में उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये अन्य कपड़ों से या हाथों पर लगी गंदगी से फैलता है।  पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण बढ़ा है। दिल्ली सरकार के गुरु नानक आई सेंटर समेत कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। डॉक्टरों की मानें तो ये दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ का साइड इफेक्ट है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग कंजंक्टिवाइटिस की समस्या लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में हर दिन नेत्र रोगियों की संख्या 50-60 फीसदी तक बढ़ गई है.  आंखों के संक्रमण को कैसे रोकें    खासकर बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी होती है। आंखों का लाल होना, एक या दोनों आंखों में खुजली, असामान्य आंसू आना, सूजन इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। अगर आंखों में ऐसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। घरेलू नुस्खों से बचना चाहिए। आमतौर पर बारिश और गर्मी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं। कुछ सावधानियां बरतकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी संक्रामक है और दूसरे लोगों में बहुत तेजी से फैलती है। कुछ मामलों में आंखों की रोशनी भी चली जाती है।  क्या कहते हैं डॉक्टर? आपको बता दें कि इस संक्रमण का खतरा आमतौर पर एडेनोवायरस के कारण सबसे ज्यादा होता है। यही वायरस सामान्य सर्दी और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा सकता है। बाढ़ से भी इस समस्या का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. प्रकाश हॉस्पिटल, नोएडा के मेडिसिन विभाग में कार्यरत हैं। अभिषेक कुमार कहते हैं, ''पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में बाढ़ और दूषित पानी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ गया है. इनमें से कुछ में आंखों के संक्रमण का खतरा भी होता है। बाढ़ से न केवल पेट में संक्रमण या मच्छर जनित बीमारियों का खतरा होता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।  आप कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को आसानी से पहचान सकते हैं। आपको आंखों में लालिमा, खुजली, चुभन, एक या दोनों आंखों में स्राव की समस्या या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक इस दौरान आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आंखों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, आंखों को बार-बार न छुएं, अपने हाथ लगातार धोएं, साफ तौलिये का इस्तेमाल करें, इस तौलिये को किसी के साथ साझा न करें, आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए कम कर दें।

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़, बारिश, जलभराव और उमस के बाद अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बुखार, ठंड लगना, उल्टी और दस्त के बाद लोगों, खासकर बच्चों में लाल आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या बढ़ गई है। नेत्र अस्पतालों में खुजली, सूजन आदि से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की समस्या लेकर आने वाला हर तीसरा या चौथा व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है। बता दें कि यह संक्रामक रोग नमी और ह्यूमिडिटी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति की आंखों के सामने, रूमाल, रूमाल या घर में उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये अन्य कपड़ों से या हाथों पर लगी गंदगी से फैलता है।

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़, बारिश, जलभराव और उमस के बाद अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बुखार, ठंड लगना, उल्टी और दस्त के बाद लोगों, खासकर बच्चों में लाल आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या बढ़ गई है। नेत्र अस्पतालों में खुजली, सूजन आदि से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की समस्या लेकर आने वाला हर तीसरा या चौथा व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है। बता दें कि यह संक्रामक रोग नमी और ह्यूमिडिटी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति की आंखों के सामने, रूमाल, रूमाल या घर में उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये अन्य कपड़ों से या हाथों पर लगी गंदगी से फैलता है।  पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण बढ़ा है। दिल्ली सरकार के गुरु नानक आई सेंटर समेत कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। डॉक्टरों की मानें तो ये दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ का साइड इफेक्ट है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग कंजंक्टिवाइटिस की समस्या लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में हर दिन नेत्र रोगियों की संख्या 50-60 फीसदी तक बढ़ गई है.  आंखों के संक्रमण को कैसे रोकें    खासकर बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी होती है। आंखों का लाल होना, एक या दोनों आंखों में खुजली, असामान्य आंसू आना, सूजन इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। अगर आंखों में ऐसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। घरेलू नुस्खों से बचना चाहिए। आमतौर पर बारिश और गर्मी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं। कुछ सावधानियां बरतकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी संक्रामक है और दूसरे लोगों में बहुत तेजी से फैलती है। कुछ मामलों में आंखों की रोशनी भी चली जाती है।  क्या कहते हैं डॉक्टर? आपको बता दें कि इस संक्रमण का खतरा आमतौर पर एडेनोवायरस के कारण सबसे ज्यादा होता है। यही वायरस सामान्य सर्दी और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा सकता है। बाढ़ से भी इस समस्या का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. प्रकाश हॉस्पिटल, नोएडा के मेडिसिन विभाग में कार्यरत हैं। अभिषेक कुमार कहते हैं, ''पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में बाढ़ और दूषित पानी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ गया है. इनमें से कुछ में आंखों के संक्रमण का खतरा भी होता है। बाढ़ से न केवल पेट में संक्रमण या मच्छर जनित बीमारियों का खतरा होता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।  आप कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को आसानी से पहचान सकते हैं। आपको आंखों में लालिमा, खुजली, चुभन, एक या दोनों आंखों में स्राव की समस्या या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक इस दौरान आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आंखों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, आंखों को बार-बार न छुएं, अपने हाथ लगातार धोएं, साफ तौलिये का इस्तेमाल करें, इस तौलिये को किसी के साथ साझा न करें, आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए कम कर दें।

पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण बढ़ा है। दिल्ली सरकार के गुरु नानक आई सेंटर समेत कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। डॉक्टरों की मानें तो ये दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ का साइड इफेक्ट है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग कंजंक्टिवाइटिस की समस्या लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में हर दिन नेत्र रोगियों की संख्या 50-60 फीसदी तक बढ़ गई है.

आंखों के संक्रमण को कैसे रोकें
   खासकर बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी होती है। आंखों का लाल होना, एक या दोनों आंखों में खुजली, असामान्य आंसू आना, सूजन इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। अगर आंखों में ऐसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। घरेलू नुस्खों से बचना चाहिए। आमतौर पर बारिश और गर्मी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं। कुछ सावधानियां बरतकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी संक्रामक है और दूसरे लोगों में बहुत तेजी से फैलती है। कुछ मामलों में आंखों की रोशनी भी चली जाती है।

दिल्ली-एनसीआर में बाढ़, बारिश, जलभराव और उमस के बाद अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। बुखार, ठंड लगना, उल्टी और दस्त के बाद लोगों, खासकर बच्चों में लाल आंखें (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या बढ़ गई है। नेत्र अस्पतालों में खुजली, सूजन आदि से पीड़ित लोगों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की समस्या लेकर आने वाला हर तीसरा या चौथा व्यक्ति कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित है। बता दें कि यह संक्रामक रोग नमी और ह्यूमिडिटी से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति की आंखों के सामने, रूमाल, रूमाल या घर में उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये अन्य कपड़ों से या हाथों पर लगी गंदगी से फैलता है।  पिछले कुछ दिनों में दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण बढ़ा है। दिल्ली सरकार के गुरु नानक आई सेंटर समेत कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। डॉक्टरों की मानें तो ये दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ का साइड इफेक्ट है. इस कारण बड़ी संख्या में लोग कंजंक्टिवाइटिस की समस्या लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पहले की तुलना में हर दिन नेत्र रोगियों की संख्या 50-60 फीसदी तक बढ़ गई है.  आंखों के संक्रमण को कैसे रोकें    खासकर बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी होती है। आंखों का लाल होना, एक या दोनों आंखों में खुजली, असामान्य आंसू आना, सूजन इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। अगर आंखों में ऐसी समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। घरेलू नुस्खों से बचना चाहिए। आमतौर पर बारिश और गर्मी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं। कुछ सावधानियां बरतकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। यह बीमारी संक्रामक है और दूसरे लोगों में बहुत तेजी से फैलती है। कुछ मामलों में आंखों की रोशनी भी चली जाती है।  क्या कहते हैं डॉक्टर? आपको बता दें कि इस संक्रमण का खतरा आमतौर पर एडेनोवायरस के कारण सबसे ज्यादा होता है। यही वायरस सामान्य सर्दी और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा सकता है। बाढ़ से भी इस समस्या का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. प्रकाश हॉस्पिटल, नोएडा के मेडिसिन विभाग में कार्यरत हैं। अभिषेक कुमार कहते हैं, ''पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में बाढ़ और दूषित पानी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ गया है. इनमें से कुछ में आंखों के संक्रमण का खतरा भी होता है। बाढ़ से न केवल पेट में संक्रमण या मच्छर जनित बीमारियों का खतरा होता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।  आप कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को आसानी से पहचान सकते हैं। आपको आंखों में लालिमा, खुजली, चुभन, एक या दोनों आंखों में स्राव की समस्या या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक इस दौरान आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आंखों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, आंखों को बार-बार न छुएं, अपने हाथ लगातार धोएं, साफ तौलिये का इस्तेमाल करें, इस तौलिये को किसी के साथ साझा न करें, आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए कम कर दें।

क्या कहते हैं डॉक्टर?
आपको बता दें कि इस संक्रमण का खतरा आमतौर पर एडेनोवायरस के कारण सबसे ज्यादा होता है। यही वायरस सामान्य सर्दी और ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण के खतरे को भी बढ़ा सकता है। बाढ़ से भी इस समस्या का खतरा बढ़ सकता है। डॉ. प्रकाश हॉस्पिटल, नोएडा के मेडिसिन विभाग में कार्यरत हैं। अभिषेक कुमार कहते हैं, ''पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में बाढ़ और दूषित पानी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ गया है. इनमें से कुछ में आंखों के संक्रमण का खतरा भी होता है। बाढ़ से न केवल पेट में संक्रमण या मच्छर जनित बीमारियों का खतरा होता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।

आप कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को आसानी से पहचान सकते हैं। आपको आंखों में लालिमा, खुजली, चुभन, एक या दोनों आंखों में स्राव की समस्या या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक इस दौरान आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आंखों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, आंखों को बार-बार न छुएं, अपने हाथ लगातार धोएं, साफ तौलिये का इस्तेमाल करें, इस तौलिये को किसी के साथ साझा न करें, आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए कम कर दें।

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