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स्टूडेंट के साथ रिलेशनशिप करना है मजबूत, टीचर फॉलो करें 5 शानदार टिप्स, स्कूल के बाद भी बनी रहेगी बॉन्डिंग

छात्र और शिक्षक का रिश्ता बहुत खास होता है। एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चों का दूसरा गुरु माना जाता है। यहां तक ​​कि शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन कई बार छात्र और शिक्षक के बीच संबंध बहुत मजबूत नहीं होते हैं।
 
छात्र और शिक्षक का रिश्ता बहुत खास होता है। एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चों का दूसरा गुरु माना जाता है। यहां तक ​​कि शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन कई बार छात्र और शिक्षक के बीच संबंध बहुत मजबूत नहीं होते हैं। ऐसे में अगर टीचर चाहें तो कुछ बेहतरीन रिलेशनशिप टिप्स को फॉलो कर आप न केवल स्कूल में बल्कि बाद में भी बच्चे के साथ आजीवन बॉन्ड बना सकते हैं।  शिक्षक जहां स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बच्चों की तारीफ करते हैं, वहीं गलतियां करने पर बच्चों को फटकारने से भी नहीं चूकते। ऐसे में ज्यादातर बच्चों से टीचर के संबंध नहीं सुधरते हैं। आइए आपको बताते हैं कुछ सिंपल रिलेशनशिप टिप्स, जिनकी मदद से आप स्टूडेंट्स के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बना सकते हैं।  नाम याद अधिकांश शिक्षकों को कक्षा के सभी बच्चों के नाम याद नहीं रहते। ऐसे में शिक्षक उन बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को उनके नाम से पुकारें, जिससे बच्चे स्पेशल फील करेंगे और धीरे-धीरे वे आपके करीब आने लगेंगे।  सब कुछ की निंदा मत करो कुछ शिक्षकों का स्वभाव बहुत गुस्सैल होता है। ऐसे में शिक्षक बच्चों को हर बात पर डांटने लगते हैं। जिससे बच्चे आपसे दूर रहना पसंद करते हैं। इसलिए गलती होने पर बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें अपनी गलतियों से सीखने की सलाह भी देते हैं।  बच्चों से दोस्ती करें एक शिक्षक को बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए। लेकिन बच्चों के साथ बंधने के लिए आपको उनका दोस्त बनना होगा। ऐसे में बच्चे आपसे बिना डरे अपने विचार साझा कर सकेंगे। साथ ही आप बच्चों का सही मार्गदर्शन भी कर पाएंगे।  अपने कौशल को निखारें माता-पिता के बाद बच्चे सबसे ज्यादा समय स्कूल में बिताते हैं। वहीं हर बच्चा किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान होता है। ऐसे में आप बच्चे के टैलेंट को पहचान कर उसे निखारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बच्चों को स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर उनकी प्रतिभा को निखार सकते हैं।   बच्चों की स्तुति करो जब बच्चे गलती करते हैं तो शिक्षक तुरंत उनकी आलोचना करते हैं। लेकिन साथ ही साथ बच्चों की तारीफ करके आप उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बच्चों की प्रशंसा करें। जिससे बच्चे कक्षा में प्रथम आने की जिद करेंगे और हमेशा आपके पास उचित सलाह के लिए आएंगे।

छात्र और शिक्षक का रिश्ता बहुत खास होता है। एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चों का दूसरा गुरु माना जाता है। यहां तक ​​कि शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन कई बार छात्र और शिक्षक के बीच संबंध बहुत मजबूत नहीं होते हैं। ऐसे में अगर टीचर चाहें तो कुछ बेहतरीन रिलेशनशिप टिप्स को फॉलो कर आप न केवल स्कूल में बल्कि बाद में भी बच्चे के साथ आजीवन बॉन्ड बना सकते हैं।

शिक्षक जहां स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बच्चों की तारीफ करते हैं, वहीं गलतियां करने पर बच्चों को फटकारने से भी नहीं चूकते। ऐसे में ज्यादातर बच्चों से टीचर के संबंध नहीं सुधरते हैं। आइए आपको बताते हैं कुछ सिंपल रिलेशनशिप टिप्स, जिनकी मदद से आप स्टूडेंट्स के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बना सकते हैं।

छात्र और शिक्षक का रिश्ता बहुत खास होता है। एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चों का दूसरा गुरु माना जाता है। यहां तक ​​कि शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन कई बार छात्र और शिक्षक के बीच संबंध बहुत मजबूत नहीं होते हैं। ऐसे में अगर टीचर चाहें तो कुछ बेहतरीन रिलेशनशिप टिप्स को फॉलो कर आप न केवल स्कूल में बल्कि बाद में भी बच्चे के साथ आजीवन बॉन्ड बना सकते हैं।  शिक्षक जहां स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बच्चों की तारीफ करते हैं, वहीं गलतियां करने पर बच्चों को फटकारने से भी नहीं चूकते। ऐसे में ज्यादातर बच्चों से टीचर के संबंध नहीं सुधरते हैं। आइए आपको बताते हैं कुछ सिंपल रिलेशनशिप टिप्स, जिनकी मदद से आप स्टूडेंट्स के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बना सकते हैं।  नाम याद अधिकांश शिक्षकों को कक्षा के सभी बच्चों के नाम याद नहीं रहते। ऐसे में शिक्षक उन बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को उनके नाम से पुकारें, जिससे बच्चे स्पेशल फील करेंगे और धीरे-धीरे वे आपके करीब आने लगेंगे।  सब कुछ की निंदा मत करो कुछ शिक्षकों का स्वभाव बहुत गुस्सैल होता है। ऐसे में शिक्षक बच्चों को हर बात पर डांटने लगते हैं। जिससे बच्चे आपसे दूर रहना पसंद करते हैं। इसलिए गलती होने पर बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें अपनी गलतियों से सीखने की सलाह भी देते हैं।  बच्चों से दोस्ती करें एक शिक्षक को बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए। लेकिन बच्चों के साथ बंधने के लिए आपको उनका दोस्त बनना होगा। ऐसे में बच्चे आपसे बिना डरे अपने विचार साझा कर सकेंगे। साथ ही आप बच्चों का सही मार्गदर्शन भी कर पाएंगे।  अपने कौशल को निखारें माता-पिता के बाद बच्चे सबसे ज्यादा समय स्कूल में बिताते हैं। वहीं हर बच्चा किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान होता है। ऐसे में आप बच्चे के टैलेंट को पहचान कर उसे निखारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बच्चों को स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर उनकी प्रतिभा को निखार सकते हैं।   बच्चों की स्तुति करो जब बच्चे गलती करते हैं तो शिक्षक तुरंत उनकी आलोचना करते हैं। लेकिन साथ ही साथ बच्चों की तारीफ करके आप उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बच्चों की प्रशंसा करें। जिससे बच्चे कक्षा में प्रथम आने की जिद करेंगे और हमेशा आपके पास उचित सलाह के लिए आएंगे।

नाम याद
अधिकांश शिक्षकों को कक्षा के सभी बच्चों के नाम याद नहीं रहते। ऐसे में शिक्षक उन बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को उनके नाम से पुकारें, जिससे बच्चे स्पेशल फील करेंगे और धीरे-धीरे वे आपके करीब आने लगेंगे।

सब कुछ की निंदा मत करो
कुछ शिक्षकों का स्वभाव बहुत गुस्सैल होता है। ऐसे में शिक्षक बच्चों को हर बात पर डांटने लगते हैं। जिससे बच्चे आपसे दूर रहना पसंद करते हैं। इसलिए गलती होने पर बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें अपनी गलतियों से सीखने की सलाह भी देते हैं।

बच्चों से दोस्ती करें
एक शिक्षक को बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए। लेकिन बच्चों के साथ बंधने के लिए आपको उनका दोस्त बनना होगा। ऐसे में बच्चे आपसे बिना डरे अपने विचार साझा कर सकेंगे। साथ ही आप बच्चों का सही मार्गदर्शन भी कर पाएंगे।

अपने कौशल को निखारें
माता-पिता के बाद बच्चे सबसे ज्यादा समय स्कूल में बिताते हैं। वहीं हर बच्चा किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान होता है। ऐसे में आप बच्चे के टैलेंट को पहचान कर उसे निखारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बच्चों को स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर उनकी प्रतिभा को निखार सकते हैं।

छात्र और शिक्षक का रिश्ता बहुत खास होता है। एक शिक्षक को माता-पिता के बाद बच्चों का दूसरा गुरु माना जाता है। यहां तक ​​कि शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन कई बार छात्र और शिक्षक के बीच संबंध बहुत मजबूत नहीं होते हैं। ऐसे में अगर टीचर चाहें तो कुछ बेहतरीन रिलेशनशिप टिप्स को फॉलो कर आप न केवल स्कूल में बल्कि बाद में भी बच्चे के साथ आजीवन बॉन्ड बना सकते हैं।  शिक्षक जहां स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बच्चों की तारीफ करते हैं, वहीं गलतियां करने पर बच्चों को फटकारने से भी नहीं चूकते। ऐसे में ज्यादातर बच्चों से टीचर के संबंध नहीं सुधरते हैं। आइए आपको बताते हैं कुछ सिंपल रिलेशनशिप टिप्स, जिनकी मदद से आप स्टूडेंट्स के साथ स्ट्रॉन्ग बॉन्ड बना सकते हैं।  नाम याद अधिकांश शिक्षकों को कक्षा के सभी बच्चों के नाम याद नहीं रहते। ऐसे में शिक्षक उन बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं, इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को उनके नाम से पुकारें, जिससे बच्चे स्पेशल फील करेंगे और धीरे-धीरे वे आपके करीब आने लगेंगे।  सब कुछ की निंदा मत करो कुछ शिक्षकों का स्वभाव बहुत गुस्सैल होता है। ऐसे में शिक्षक बच्चों को हर बात पर डांटने लगते हैं। जिससे बच्चे आपसे दूर रहना पसंद करते हैं। इसलिए गलती होने पर बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें। साथ ही उन्हें अपनी गलतियों से सीखने की सलाह भी देते हैं।  बच्चों से दोस्ती करें एक शिक्षक को बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए। लेकिन बच्चों के साथ बंधने के लिए आपको उनका दोस्त बनना होगा। ऐसे में बच्चे आपसे बिना डरे अपने विचार साझा कर सकेंगे। साथ ही आप बच्चों का सही मार्गदर्शन भी कर पाएंगे।  अपने कौशल को निखारें माता-पिता के बाद बच्चे सबसे ज्यादा समय स्कूल में बिताते हैं। वहीं हर बच्चा किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान होता है। ऐसे में आप बच्चे के टैलेंट को पहचान कर उसे निखारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही बच्चों को स्कूल की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर उनकी प्रतिभा को निखार सकते हैं।   बच्चों की स्तुति करो जब बच्चे गलती करते हैं तो शिक्षक तुरंत उनकी आलोचना करते हैं। लेकिन साथ ही साथ बच्चों की तारीफ करके आप उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बच्चों की प्रशंसा करें। जिससे बच्चे कक्षा में प्रथम आने की जिद करेंगे और हमेशा आपके पास उचित सलाह के लिए आएंगे।
बच्चों की स्तुति करो
जब बच्चे गलती करते हैं तो शिक्षक तुरंत उनकी आलोचना करते हैं। लेकिन साथ ही साथ बच्चों की तारीफ करके आप उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर सकते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बच्चों की प्रशंसा करें। जिससे बच्चे कक्षा में प्रथम आने की जिद करेंगे और हमेशा आपके पास उचित सलाह के लिए आएंगे।