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क्या है देव दीपावली का महत्व? जानें इस साल कब मनाई जाएगी यह पवित्र पर्व!

Dev Diwali, celebrated on Kartik Purnima, is a significant Hindu festival marking the arrival of deities to Earth. In 2025, this auspicious day falls on November 5. The festival is steeped in tradition, with rituals like deepdaan and special prayers. This article explores the date, auspicious timings, and the rich cultural significance of Dev Diwali, making it a must-read for those looking to understand this sacred occasion.
 
क्या है देव दीपावली का महत्व? जानें इस साल कब मनाई जाएगी यह पवित्र पर्व!

देव दीपावली 2025: एक पवित्र पर्व

Dev Diwali 2025 (photo: social media)

Dev Diwali 2025

देव दीपावली 2025: यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और इसे हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं, और काशी के गंगा घाटों पर दीप जलाकर उनका स्वागत किया जाता है। इस दिन गंगा आरती का आयोजन भी विशेष रूप से किया जाता है।


देव दीपावली का अर्थ और पौराणिक कथा

देव दीपावली का अर्थ है 'देवताओं की दिवाली'। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने देवताओं को त्रिपुरासुर नामक राक्षस से मुक्त किया था। इस खुशी में सभी देवता काशी के गंगा घाट पर दिवाली मनाने के लिए आते हैं। आइए जानते हैं कि इस साल नवंबर में देव दीपावली कब है।


इस दिन मनाई जाएगी देव दीपावली

2025 में देव दीपावली का पर्व 5 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 4 नवंबर की रात 10:36 बजे होगी और यह 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे तक चलेगी। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है।


देव दीपावली का शुभ मुहूर्त

जानकारी के अनुसार, 5 नवंबर 2025 को देव दीपावली मनाने का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 05:15 से 07:50 तक रहेगा। इस समय पूजा-पाठ और दीपदान जैसे कार्य किए जा सकते हैं।


भद्रा का साया और शुभ योग

5 नवंबर को देव दीपावली के दिन भद्रा का साया रहेगा, लेकिन साथ ही कई शुभ योग भी बन रहे हैं। भद्रा सुबह 06:36 से 08:44 तक रहेगी, लेकिन इसका प्रभाव धरती पर नहीं पड़ेगा। इस दिन शिववास का योग भी बन रहा है, जो शाम 06:48 से शुरू होगा।


धार्मिक महत्व

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, देव दीपावली के दिन देवगण काशी में प्रवेश करते हैं। इस दिन स्नान, व्रत, दान, दीपदान और पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह रौशनी, शांति और दिव्यता का भी संदेश देता है।


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