शहीद दिवस 2025: जानें इस दिन का महत्व और महान शहीदों की गाथा
शहीद दिवस 2025: बलिदान की याद
Martyrs' Day 2025 (Image Credit-Social Media)
शहीद दिवस 2025: भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हर साल, शहीद दिवस (Martyrs' Day) उन बलिदानों को याद करने और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि उन महान आत्माओं को सम्मानित करने का अवसर है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत का सपना देखा और उसके लिए अपने जीवन का बलिदान किया।
शहीद दिवस का महत्व
शहीद का अर्थ है – अपने प्राणों का बलिदान देने वाला व्यक्ति, जो देश, समाज या किसी महान उद्देश्य के लिए समर्पित होता है। भारत में शहीद दिवस उन वीरों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमें उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है। इस दिन, राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा जाता है।
शहीद दिवस का इतिहास
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के लायलपुर में हुआ। जलियांवाला बाग कांड ने उनके मन में अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भर दिया। काकोरी कांड के बाद, उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया। 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लाला लाजपत राय की मृत्यु ने उन्हें और अधिक प्रेरित किया।
भारत में शहीद दिवस की तिथियाँ
भारत में शहीद दिवस विभिन्न तिथियों पर मनाया जाता है, जैसे 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस, और 21 अक्टूबर को पुलिस शहीद दिवस। यह दिन विभिन्न शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
महान शहीद और उनके बलिदान
स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर शहीद हुए, जिनमें भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, और अन्य शामिल हैं। इन शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।
शहीद दिवस का उद्देश्य
बलिदान का स्मरण: शहीद दिवस उन अमर शहीदों को याद करने का दिन है।
युवाओं को प्रेरणा: यह दिन युवाओं को देशभक्ति और बलिदान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: यह दिन उन स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान का प्रतीक है, जिनकी बदौलत हम आजादी का सुख भोग रहे हैं।
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