Karisma Kapoor ने इंडस्ट्री में बढ़ते पैपराजी कल्चर पर जताई चिंता, बोलीं - मुझे पसंद नहीं कोई जिम के बाहर मेरी फोटो ले
जो बात पहले की फिल्मों में थी वो आज की फिल्मों में नहीं है. चाहे बात फिल्म की कहानी की हो या फिर कास्ट और एक्टिंग की। 90 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस करिश्मा कपूर का भी कुछ ऐसा ही मानना है. करिश्मा कपूर ने बॉलीवुड में तीन दशक पूरे कर लिए हैं। 'फिजा', 'जुबैदा', 'राजा हिंदुस्तानी' और 'दिल तो पागल है' उनकी बेहतरीन फिल्में हैं। एक इंटरव्यू में करिश्मा ने कहा था कि जिस वक्त उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी वह सुनहरा दौर था। भले ही आज अभिनेत्रियां लाखों सुविधाएं भोगती हों, लेकिन उन्हें कभी भी उस पल का अनुभव नहीं होगा।
मेकअप वैन्स नहीं हुआ करती थीं
करिश्मा ने कहा, 'आज लोग उस ऊर्जा और जुनून की कल्पना भी नहीं कर सकते जो उस दौर में कलाकार अपने काम में लगाते थे। मैंने अपना करियर उस समय शुरू किया था जब मॉनिटर और मेकअप वैन नहीं थे। लेकिन फिर भी हमने कई आइकॉनिक फिल्में दी हैं।' एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'कभी भी टेबल रीड नहीं मिला,हमने हमेशा रफ स्क्रिप्ट की आउटलाइन पर खुद को उस रोल के लिए तैयार किया। लेकिन हमारा पैशन और दृढ़ विश्वास ही इतना कमाल था कि हम हर काम को बड़ी ही आसानी से कर लिया करते थे।'
सिनेमा के कल्चर पर क्या कहा
इंडस्ट्री के बदलते कल्चर पर बात करते हुए करिश्मा ने कहा कि वक्त काफी बदल गया है. पपराज़ी संस्कृति बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन मुझे जिम जाते समय लोग मेरी तस्वीरें लेना पसंद नहीं करते, इसलिए मैं सार्वजनिक जिम में नहीं जाता। एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं पब्लिक जिम के बजाय पर्सनल जिम जाना पसंद करती हूं क्योंकि मुझे यह पसंद नहीं है कि कोई मेरे प्राइवेट टाइम की तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर करे। ऐसा करके मैं यह साबित करने की कोशिश कर रही हूं कि पॉप न होते हुए भी आप अपने काम के जरिए इंडस्ट्री में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। करिश्मा आखिरी बार वेब सीरीज 'मर्डर मुबारक' में नजर आई थीं। इसमें डिंपल कपाड़िया, पंकज त्रिपाठी, सारा अली खान, विजय वर्मा, टिस्का चोपड़ा और संजय कपूर जैसे सितारे शामिल थे। इन दिनों एक्ट्रेस इंडियाज बेस्ट डांसर सीजन 4 में जज के तौर पर नजर आ रही हैं.