Movie prime

Ishaan Khatter फिल्मों में निभाने चाहते हैं पौराणिक भूमिकाएं, बोले- 'इनके साथ जिम्मेदारी भी...'

आजकल रामायण, महाभारत और जय हनुमान जैसी पौराणिक और धार्मिक कहानियों पर आधारित कई फिल्में बन रही हैं। हर फिल्म निर्माता कहानी को एक अलग नजरिए से पेश करने की कोशिश कर रहा है।
 
Ishaan Khatter फिल्मों में निभाने चाहते हैं पौराणिक भूमिकाएं, बोले- 'इनके साथ जिम्मेदारी भी...'

आजकल रामायण, महाभारत और जय हनुमान जैसी पौराणिक और धार्मिक कहानियों पर आधारित कई फिल्में बन रही हैं। हर फिल्म निर्माता कहानी को एक अलग नजरिए से पेश करने की कोशिश कर रहा है। पौराणिक और धार्मिक कहानियों और उनके पात्रों से करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं।

Ishaan Khatter

ऐसे में एक्टर्स को उस किरदार को निभाते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. अभिनेता ईशान खट्टर को अभी तक कैमरे के सामने इस तरह की भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला है, लेकिन वह भविष्य में इसे निभाना चाहते हैं। वह ऐसी भूमिकाएँ निभाने में अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझते हैं। किसी भी कहानी को कैमरे के सामने पेश करने या उसका हिस्सा बनने के लिए उसे समझना बहुत जरूरी है।

आजकल रामायण, महाभारत और जय हनुमान जैसी पौराणिक और धार्मिक कहानियों पर आधारित कई फिल्में बन रही हैं। हर फिल्म निर्माता कहानी को एक अलग नजरिए से पेश करने की कोशिश कर रहा है। पौराणिक और धार्मिक कहानियों और उनके पात्रों से करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई हैं।  ऐसे में एक्टर्स को उस किरदार को निभाते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ती है. अभिनेता ईशान खट्टर को अभी तक कैमरे के सामने इस तरह की भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला है, लेकिन वह भविष्य में इसे निभाना चाहते हैं। वह ऐसी भूमिकाएँ निभाने में अपनी ज़िम्मेदारियाँ समझते हैं। दैनिक जागरण से बात करते हुए वह कहते हैं, किसी भी कहानी को कैमरे के सामने पेश करने या उसका हिस्सा बनने के लिए उसे समझना बहुत जरूरी है।  पौराणिक या धार्मिक कहानियों के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है। एक एक्टर होने के नाते आपके दिमाग में ये बातें चलती रहती हैं कि ऐसे रोल किसी भी रूप या स्टाइल में नहीं निभाए जा सकते. इन कहानियों को नए तरीके से पेश किया जा सकता है, लेकिन ये कहानियां इतनी अच्छी हैं कि इनसे खिलवाड़ पूरी कहानी बिगाड़ सकता है. ऐसी भूमिकाएँ निभाते समय उनके महत्व, व्यक्तित्व और अपनी ज़िम्मेदारी को समझना भी ज़रूरी है।  इशान खट्टर का वर्क फ्रंट ईशान खट्टर के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह आखिरी बार फिल्म 'पिप्पा' में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता का किरदार निभाया था. आपको बता दें कि यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी, जिसे लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी।  अब वह जल्द ही नेटफ्लिक्स की हॉलीवुड सीरीज 'द परफेक्ट कपल' में नजर आएंगे। उनके प्रशंसक भी अपने पसंदीदा अभिनेता ईशान खट्टर को इस नई भूमिका में देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।

पौराणिक या धार्मिक कहानियों के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है। एक एक्टर होने के नाते आपके दिमाग में ये बातें चलती रहती हैं कि ऐसे रोल किसी भी रूप या स्टाइल में नहीं निभाए जा सकते. इन कहानियों को नए तरीके से पेश किया जा सकता है, लेकिन ये कहानियां इतनी अच्छी हैं कि इनसे खिलवाड़ पूरी कहानी बिगाड़ सकता है. ऐसी भूमिकाएँ निभाते समय उनके महत्व, व्यक्तित्व और अपनी ज़िम्मेदारी को समझना भी ज़रूरी है।

इशान खट्टर का वर्क फ्रंट
ईशान खट्टर के वर्कफ्रंट की बात करें तो वह आखिरी बार फिल्म 'पिप्पा' में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता का किरदार निभाया था. आपको बता दें कि यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी, जिसे लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी। अब वह जल्द ही नेटफ्लिक्स की हॉलीवुड सीरीज 'द परफेक्ट कपल' में नजर आएंगे। उनके प्रशंसक भी अपने पसंदीदा अभिनेता ईशान खट्टर को इस नई भूमिका में देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।