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स्वरा भास्कर ने इजरायल के हमलों पर उठाई आवाज, क्या मानवता खतरे में है?

अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने इजरायल के हमलों पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि इजरायल मानवता को समाप्त कर रहा है और इस नरसंहार को चुपचाप देखना अस्वीकार्य है। स्वरा ने अपने जीवन की सामान्य गतिविधियों के बीच इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि हमें जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। जानें उनके विचार और इस संकट पर उनकी प्रतिक्रिया।
 

स्वरा भास्कर का इजरायल पर तीखा हमला

स्वरा भास्कर ने इजरायल के हमलों पर उठाई आवाज, क्या मानवता खतरे में है?


मुंबई, 8 अप्रैल। अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने हाल ही में सोशल मीडिया पर इजरायल के हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने गाजा और फिलिस्तीन में हो रहे हमलों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल मानवता को समाप्त कर रहा है।


इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक पोस्ट में स्वरा ने लिखा, "हम हर दिन इस नरसंहार को चुपचाप देखते हैं और कुछ नहीं करते... दुनिया धीरे-धीरे खत्म हो रही है।"


स्वरा ने फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को व्यक्त करते हुए कहा, “मैं हर दिन तैयार होती हूं, मेकअप करती हूं और सेल्फी पोस्ट करती हूं, खुश रहने की कोशिश करती हूं। इसी कोशिश में मैं अपनी बच्ची के साथ खेल के दिनों और जन्मदिन की पार्टियों की प्यारी तस्वीरें लेती हूं। लेकिन मेरे दिमाग से नरसंहार और अत्याचार की तस्वीरें हटती नहीं हैं।”


उन्होंने आगे कहा, “मैं हर दिन उन माता-पिता को देखती हूं जो अपने मृत बच्चों को गोद में लिए खड़े हैं। वो बच्चे जिनके शरीर इजरायल के बमों से बर्बाद हो गए हैं। कहीं लोग अपने परिवार के सदस्यों के अंग ले जाते हैं तो कहीं किसी को टेंट में जिंदा जलाया गया।”


स्वरा ने कहा, "हम नरसंहार देख रहे हैं, यह सबसे भयानक युद्ध है, जो एक अपराध है। यह अमानवीयता हमारे फोन पर लाइव स्ट्रीम हो रही है और हम इसके लिए कुछ नहीं कर सकते। हम सभी धीरे-धीरे मर रहे हैं। इजरायल न केवल गाजा और फिलिस्तीन को नष्ट कर रहा है, बल्कि यह मानवता से उसकी मानवता भी छीन रहा है।"


अभिनेत्री ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, “नरसंहार सामान्य नहीं है। इंसानों को जिंदा जलते देखना सामान्य नहीं है। बच्चों की हत्या करना सामान्य नहीं है। अस्पतालों और स्कूलों में बमबारी करना सामान्य नहीं है। हमें जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी।”


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