आतंकवाद की दुनिया: आतंकियों को कैसे मिलती है सैलरी और फंडिंग?
आतंकवाद का इतिहास
आतंकवाद के वित्तपोषण का इतिहास
आतंकवाद के वित्तपोषण का इतिहास
आतंकवाद का इतिहास: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी की सुरक्षा को एक बार फिर गंभीर चुनौती दी है। इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। नागरिकों, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने आतंकियों और उनके समर्थक पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भारत ने भी इस हमले का जवाब देने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनका पाकिस्तान पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
आतंकियों को मिलती है 'सैलरी'
यह जानकर हैरानी होती है कि आतंकवादी भी एक प्रकार की 'तनख्वाह' पर काम करते हैं। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों द्वारा अपने सदस्यों को भर्ती करते समय 'साइनिंग अमाउंट', नियमित मासिक वेतन, ऑपरेशन पूरा करने पर बोनस और बड़े हमलों के लिए विशेष पुरस्कार दिए जाते हैं।
भर्ती के समय दी जाती है मोटी रकम
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ‘सीआईएओ जर्नल’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आतंकवादी संगठनों में भर्ती के समय आतंकियों को मोटी रकम दी जाती है।
विदेशी आतंकियों को भर्ती के समय लगभग 50,000 रुपये दिए जाते हैं, जबकि स्थानीय आतंकियों को करीब 25,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। यह राशि युवाओं को आकर्षित करने और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए होती है ताकि परिवार विरोध न करे।
मासिक वेतन और बोनस
भर्ती के बाद आतंकियों को हर महीने निश्चित वेतन भी दिया जाता है। विदेशी आतंकियों को हर माह 10,000 से 12,000 रुपये और स्थानीय आतंकियों को 8,000 से 10,000 रुपये मिलते हैं। यह सैलरी उनके कार्य और संगठन में उनकी भूमिका के आधार पर तय होती है।
विशेष ऑपरेशनों के लिए अतिरिक्त इनाम
यदि कोई आतंकी किसी बड़े हमले में सफल होता है, तो उसे विशेष इनाम दिया जाता है, जो 1 लाख से 2 लाख रुपये तक हो सकता है। यह इनाम आतंकियों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
आतंकवादी संगठनों के लीडर्स की सैलरी
संगठन के बड़े नेताओं को साधारण आतंकियों की तुलना में काफी अधिक सैलरी दी जाती है। रिसर्च के अनुसार, सुप्रीम लीडर को हर महीने करीब 50,000 रुपये तक का वेतन मिलता है।
मारे गए आतंकियों के परिवारों को सहायता
यदि कोई आतंकी मारा जाता है, तो उसके परिवार को आर्थिक मदद दी जाती है। आमतौर पर लाखों रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
आतंकियों की भर्ती प्रक्रिया
आतंकी संगठनों की भर्ती प्रक्रिया में कई स्तर होते हैं, जिसमें भावनात्मक शोषण, आर्थिक लालच, जबरदस्ती और ऑनलाइन कट्टरता अभियान शामिल हैं।
आतंकियों की सैलरी
आतंकियों की सैलरी उनके संगठन, पद और क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती है। सामान्यतः निचले स्तर के आतंकियों को $100 से $300 प्रति माह, स्थानीय कमांडरों को $500 से $800 प्रति माह, और शीर्ष नेताओं को $1000 से $3000 या उससे अधिक मिलते हैं।
आतंकियों को फंडिंग के स्रोत
आतंकी संगठनों को फंडिंग के कई स्रोत होते हैं, जैसे विदेशी सरकारें, अवैध व्यापार, डोनेशन और आत्मनिर्भर गतिविधियाँ।
आतंकवाद का अंत
आतंकवादी बनने का अंत अक्सर त्रासदीपूर्ण होता है। या तो वे सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाते हैं या उम्रभर जेलों में सड़ते हैं।
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