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हरियाणवी भाषा पर एल्विश यादव का खुलासा: क्या है सच्चाई?

यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एल्विश यादव ने हरियाणवी भाषा के प्रति बनी गलतफहमियों पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने बताया कि कैसे हरियाणवी बोलने वालों को अनपढ़ समझा जाता है, जबकि वे शिक्षित और मेहनती होते हैं। एल्विश ने अपनी शिक्षा और अनुभवों के माध्यम से इस धारणा को चुनौती दी है। जानें उन्होंने और क्या कहा और क्यों यह विषय महत्वपूर्ण है।
 
हरियाणवी भाषा पर एल्विश यादव का खुलासा: क्या है सच्चाई?

हरियाणवी भाषा की गलतफहमियों पर एल्विश यादव की राय

मुंबई, 3 जून। यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एल्विश यादव ने हरियाणवी भाषा से जुड़ी कुछ गलतफहमियों पर अपनी बात रखी। एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि हरियाणवी बोलने वाले व्यक्ति को चाहे वह कितना भी शिक्षित क्यों न हो, अक्सर अनपढ़ समझा जाता है।

एल्विश ने कहा, "मेरे मन में यह बात हमेशा रहती है। मैंने कहीं पढ़ा था कि लोग हमारी भाषा के आधार पर एक छवि बना लेते हैं। जैसे हरियाणवी, जो 'खड़ी' बोली है, कुछ लोगों को अनपढ़ों की भाषा लगती है। यह धारणा गलत है।"

सिद्धार्थ यादव, जिन्हें एल्विश यादव के नाम से जाना जाता है, हरियाणा के निवासी हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। 28 वर्षीय एल्विश ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ और ‘एमटीवी रोडीज डबल क्रॉस’ जैसे शो के विजेता रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह हमेशा मेहनती रहे हैं और पढ़ाई में टॉपर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, "मैंने बहुत मेहनत की है और अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। मेरा मानना है कि हरियाणा की अपनी भाषा है, और इसके बारे में गलतफहमियां फैली हुई हैं।"

एल्विश का मानना है कि हरियाणवी बोलने वालों के प्रति एक गलत धारणा बन गई है। उन्होंने कहा, "एक स्टीरियोटाइप बना दिया गया है कि हरियाणवी बोलने वाला व्यक्ति अनपढ़ होता है। लेकिन यह हमारी भाषा है। हर किसी की अपनी भाषा होती है। इसलिए मैं जिस तरह से बोलता हूं, वह सही है।"

उन्होंने यह भी कहा, “लोग मुझे गलत समझते हैं, इतना कि मेरे बारे में मीम्स भी बनने लगे हैं। लेकिन मैं एक अच्छा इंसान हूं।”

--मीडिया चैनल

एमटी/एएस


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