राकेश रोशन: फ्लॉप एक्टर से लेकर बॉलीवुड के सफल फिल्म निर्माता तक का सफर
राकेश रोशन का प्रेरणादायक सफर

राकेश रोशन का सफर: राकेश रोशन, जो पहले एक असफल अभिनेता के रूप में जाने जाते थे, आज बॉलीवुड के प्रमुख फिल्म निर्माताओं में से एक हैं। उनका यह सफर प्रेरणादायक है, क्योंकि उन्होंने अपने संघर्षों को अवसरों में बदलकर सफलता प्राप्त की। आइए जानते हैं उनके इस अद्भुत परिवर्तन के बारे में।
एक्टिंग करियर की शुरुआत
एक्टर के रूप में शुरुआत:
राकेश रोशन ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की। 1970 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन वे कभी भी एक हिट स्टार नहीं बन सके। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में 'घर घर की कहानी', 'पराया धन', 'कामचोर', 'खूबसूरत', 'आखिर क्यों', और 'प्रियतम' शामिल हैं, जिनमें उनकी एक्टिंग को ज्यादा सराहा नहीं गया। फिर भी, राकेश ने हार नहीं मानी। यह समय उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने इससे बहुत कुछ सीखा।
निर्देशक के रूप में कदम
निर्देशन की ओर कदम:
राकेश रोशन ने अपने करियर की दिशा बदलने का निर्णय लिया और 1987 में फिल्म 'खुदगर्ज' का निर्देशन किया। इस फिल्म में कई सितारे थे, जैसे जीतेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, गोविंदा और नीलम, जिसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई। इसके बाद, 'खून भरी मांग' की सफलता ने उन्हें सफल फिल्म निर्माताओं की सूची में शामिल कर दिया। इस फिल्म में रेखा, कबीर बेदी, शत्रुघ्न सिन्हा और सोनू वालिया ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं। इसके बाद, 'किशन कन्हैया', 'खेल', और 'करण अर्जुन' जैसी फिल्मों ने उन्हें एक सफल फिल्म निर्माता बना दिया।
सुपरहिट फिल्में और सफलता
कृष- सुपरहिट बनाने की शुरुआत:
राकेश रोशन का सबसे बड़ा सफल मोड़ तब आया जब उन्होंने 2000 में 'कहो ना..प्यार है' बनाई। इसके बाद 'कोई मिल गया' और 'कृष' जैसी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि भारतीय सिनेमा में नई शैली का सूत्रधार भी बनीं। राकेश की फिल्मों ने साबित किया कि वे एक सफल फिल्म निर्माता और कहानीकार बन सकते हैं।
सफलता का रहस्य
सफलता की कुंजी मेहनत और विजन:
राकेश रोशन की सफलता का राज उनकी मेहनत, दृष्टिकोण और निरंतरता में छिपा है। एक समय में जो अभिनेता असफल था, वह अब एक सफल निर्देशक बन चुका है। उनका मानना है कि हर फिल्म एक नए अवसर के रूप में देखी जानी चाहिए। चाहे वह 'कृष 3' हो या 'कहो ना प्यार है', राकेश ने हमेशा कुछ नया और रोमांचक पेश किया। उन्होंने भारतीय सिनेमा में तकनीकी नवाचारों को अपनाया और उन्हें अपनी फिल्मों में बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया। 'कृष' और 'कृष 3' में विशेष प्रभावों का उपयोग उनकी फिल्मों को और भी आकर्षक बनाता है। दर्शक अब 'कृष 4' का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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