पूजा बेदी ने परफेक्शन की दौड़ पर उठाए सवाल, सच्चाई और शांति को बताया प्राथमिकता

पूजा बेदी का नया नजरिया
मुंबई, 9 जून। अभिनेत्री पूजा बेदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए समाज में परफेक्शन की चाहत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वह दिखावे से ज्यादा मानसिक शांति और सच्चाई को महत्व देती हैं। उनका मानना है कि प्रभावशाली दिखना जरूरी नहीं है।
इंस्टाग्राम पर साझा किए गए अपने विचारों में, पूजा ने परफेक्शन के बारे में अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा, "समाज हमसे हर जगह परफेक्ट होने की अपेक्षा करता है। हमें देखने में, काम में और हर चीज में बेहतरीन होना चाहिए। लेकिन मैंने यह समझा है कि इस दबाव से बाहर निकलना आवश्यक है। इसलिए, हमें वही चुनना चाहिए जो वास्तव में महत्वपूर्ण है, न कि दिखावे की दौड़ में शामिल होना।"
उन्होंने आगे कहा, “मुझे सुनहरे पेन से डायरी लिखने या सुबह तक चमकते चेहरे के लिए किसी टॉनिक की जरूरत नहीं है। मैं ऊर्जा को सुंदरता और उद्देश्य को प्रदर्शन से अधिक महत्व देती हूं। यह नियंत्रण बनाम अराजकता नहीं है, बल्कि सोच-समझकर चुने गए रास्ते की बात है। परफेक्शन एक बदलता लक्ष्य है, जबकि प्राथमिकताएं एक दिशा-सूचक होती हैं।”
पूजा ने यह भी कहा, “मैं अब वही करती हूं जो मेरे लिए सार्थक है, न कि परफेक्ट। प्राथमिकताएं शांति देती हैं, जबकि परफेक्शन तनाव का कारण बनता है। कुछ दिन मैं चमकती हूं, कुछ दिन ठोकर खाती हूं, लेकिन हमेशा उस दिशा में चलती हूं जो सही लगती है। यही मेरे लिए महत्वपूर्ण है।”
पूजा बेदी, अभिनेता कबीर बेदी की बेटी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1991 में 'विषकन्या' से की थी और आमिर खान के साथ 'जो जीता वही सिकंदर' जैसी यादगार फिल्मों में भी काम किया है।