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पायल घोष ने तुर्की यात्रा रद्द करने के पीछे की वजह बताई, जानें क्या है मामला!

अभिनेत्री पायल घोष ने तुर्की यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया है, जिसका कारण उन्होंने आतंकवाद के समर्थन को बताया। उन्होंने कहा कि देश की इज्जत पैसे से ऊपर है। इसी संदर्भ में नीतू चंद्रा ने भी तुर्की जैसे देशों का बहिष्कार करने की अपील की है। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और क्या है ताजा स्थिति।
 
पायल घोष ने तुर्की यात्रा रद्द करने के पीछे की वजह बताई, जानें क्या है मामला!

पायल घोष का तुर्की यात्रा रद्द करने का निर्णय


मुंबई, 21 मई। अभिनेत्री पायल घोष ने अपनी तुर्की यात्रा को रद्द करने के कारणों का खुलासा किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीठ में छुरा घोंपने और पर्यटन का एक साथ होना संभव नहीं है। दरअसल, भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, जिसके बाद तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का समर्थन किया। इस कारण भारतीयों में तुर्की के प्रति नाराजगी बढ़ गई है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था 'खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते', पायल ने कहा कि पीठ में छुरा घोंपना और पर्यटन एक साथ नहीं हो सकते। उन्होंने बताया कि उन्हें तुर्की जाने के लिए 30 लाख रुपये का आकर्षक प्रस्ताव मिला था, लेकिन फिर भी उन्होंने यात्रा से मना कर दिया।


पायल घोष ने कहा, "पैसा देश की इज्जत और गर्व से ऊपर नहीं हो सकता। मैं सबसे पहले एक भारतीय हूं, फिर एक अभिनेत्री। जैसे हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, वैसे ही पीठ में छुरा घोंपना और पर्यटन एक साथ नहीं हो सकता।"


उन्होंने आगे कहा, "अगर तुर्की ने इस महत्वपूर्ण समय में पाकिस्तान का समर्थन किया है, तो वे हम भारतीयों से या हमारे पर्यटन से कमाई की उम्मीद नहीं कर सकते, चाहे वो सेलिब्रिटी हों या आम पर्यटक। मैं अपने निर्णय के प्रति पूरी तरह स्पष्ट हूं, इसलिए मैंने तुर्की जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया। भगवान की कृपा से मुझे जो चाहिए, वह सब मिला है। मैं पैसे के लिए अपने देश को कभी पीछे नहीं रख सकती। जय हिंद!"


हाल ही में, अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने भी तुर्की जैसे देशों का बहिष्कार करने की अपील की थी। उनका कहना है कि जो देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उनके खिलाफ भारत को सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि आतंकवाद को किसी भी स्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता, चाहे वह कहीं भी हो। इसमें हमेशा निर्दोष लोग प्रभावित होते हैं।"


नीतू ने आगे कहा, "मेरी लोगों से यही अपील है कि कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझकर निर्णय लें। हमें इंसानियत के साथ यह लड़ाई लड़नी है, लेकिन एक इंसान के नाते हमें जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए। ध्यान रखें कि आपका समर्थन किसके साथ है और उसका उद्देश्य क्या है।"


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