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क्या है Labooboo Dolls का जादू? जानें इस अनोखी गुड़िया के पीछे की कहानी!

Labooboo Dolls ने एक अनोखी पहचान बनाई है, जो पहली नजर में डरावनी लगती हैं लेकिन जल्दी ही दिल को छू लेती हैं। ये गुड़िया न केवल एक खिलौना हैं, बल्कि एक फैशन स्टेटमेंट बन चुकी हैं। जानें कैसे इन डॉल्स ने महिलाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की और क्यों ये सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक सेल्फ-लव मूवमेंट बन गई हैं।
 
क्या है Labooboo Dolls का जादू? जानें इस अनोखी गुड़िया के पीछे की कहानी!

Labooboo Dolls: एक अनोखी गुड़िया का सफर

Labooboo Dolls (Image Credit-Social Media)

Labooboo Dolls: क्या आपने कभी ऐसी गुड़िया देखी है जो पहली नजर में थोड़ी डरावनी लगे, लेकिन फिर भी आपको उसकी ओर आकर्षित कर दे? इसकी बड़ी चमकदार आंखें, शरारती हंसी और एक ऐसा लुक जो न तो किसी राजकुमारी जैसा है और न ही किसी सुपरहीरो जैसा, बल्कि कुछ अलग और खास है। यही है लाबूबू ... यह सिर्फ एक खिलौना नहीं, बल्कि एक क्यूट-कैरेक्टर्ड क्रांति है। जिसने वैश्विक फैशन और महिला पहचान में अपनी खास जगह बना ली है। टिकटॉक से लेकर टोक्यो तक, लाबूबू ने महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

लाबूबू डॉल्स उन महिलाओं का नया प्रतीक बन गई हैं जो क्यूटनेस में आत्मविश्वास और अजीबपन में अपनापन खोजती हैं। जब फैशन आइकॉन जैसे लिसा, दुआ लिपा और रिहाना इन डॉल्स के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, तो यह समझना मुश्किल नहीं कि यह केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत बयान है। लाबूबू, अब केवल एक खिलौना नहीं, बल्कि एक भावना बन चुका है। इन विचित्र लेकिन प्यारे कैरेक्टर्स में कुछ ऐसा है जो हमें हमारे भीतर के बच्चे से जोड़ता है।

तो सवाल यह है कि आखिर इन 'खौफनाक लेकिन प्यारी' डॉल्स में ऐसा क्या है जो महिलाओं को दीवाना बना रहा है? आइए जानते हैं-


लाबूबू- एक अजीबोगरीब शुरुआत से लेकर फैशन सिंबल तक

लाबूबू- एक अजीबोगरीब शुरुआत से लेकर फैशन सिंबल तक

क्या है Labooboo Dolls का जादू? जानें इस अनोखी गुड़िया के पीछे की कहानी!

लाबूबू, हांगकांग के कलाकार कासिंग लुंग द्वारा 2015 में बनाए गए 'द मॉन्स्टर्स' नामक फैंटेसी कैरेक्टर्स के समूह का हिस्सा है। यह रोएंदार और क्यूट-से दिखने वाले प्राणी, नॉर्डिक लोककथाओं से प्रेरित हैं, और शुरुआत में बच्चों की किताबों के किरदार थे। लेकिन 2019 में जब इनका पॉप मार्ट के साथ सहयोग हुआ, तब लाबूबू ने खिलौनों की दुनिया में तहलका मचा दिया।


ब्लाइंड बॉक्स और कलेक्टर्स का जुनून

ब्लाइंड बॉक्स और कलेक्टर्स का जुनून

लाबूबू डॉल्स को अक्सर 'ब्लाइंड बॉक्स' में बेचा जाता है, जिसका मतलब है कि आप नहीं जानते कि बॉक्स में कौन-सी डॉल मिलेगी। यह रणनीति न केवल उत्साह को बनाए रखती है, बल्कि इस डॉल के कलेक्शन की लालसा को भी जगाती है। कुछ डॉल्स इतनी दुर्लभ हैं कि वे 1 लाख रुपये से भी अधिक में बिक चुकी हैं। यह रहस्य और रोमांच ही है जो लोगों को बार-बार खरीदने के लिए मजबूर करता है।


सोशल मीडिया और सेलिब्रिटी इम्पैक्ट

सोशल मीडिया और सेलिब्रिटी इम्पैक्ट

टिकटॉक, इंस्टाग्राम और (पूर्व ट्विटर) जैसे प्लेटफार्मों पर लाबूबू की अनबॉक्सिंग और कलेक्शन वीडियो लाखों व्यूज बटोर रहे हैं। ब्लैकपिंक की लिसा ने 2024 में वैनिटी फेयर इंटरव्यू में अपने लाबूबू कलेक्शन का खुलासा किया। रिहाना, दुआ लिपा, ब्लैकपिंक रोज़, डेविड बेकहम, अनन्या पांडे और किम कार्दशियन जैसे सितारों को इन डॉल्स के साथ देखा गया है। इनकी मौजूदगी ने लाबूबू को एक फैशन स्टेटमेंट में बदल दिया है। विशेष रूप से युवा महिलाओं के लिए, जो अपने बैग, कमरों और सोशल प्रोफाइल को इन डॉल्स से सजाती हैं।


महिलाओं को लाबूबू से क्यों है प्यार

महिलाओं को लाबूबू से क्यों है प्यार

क्या है Labooboo Dolls का जादू? जानें इस अनोखी गुड़िया के पीछे की कहानी!

अनूठा डिज़ाइन: यह पारंपरिक 'सुंदरता' की छवि को तोड़ता है और व्यक्तित्व को उजागर करता है।

ब्लाइंड बॉक्स थ्रिल: हर बार नया सरप्राइज, जैसे बचपन की चॉकलेट में खिलौने ढूंढना।

सेल्फ-एक्सप्रेशन का जरिया: फैशन, मूड और पसंद को दर्शाने का तरीका।

कम्युनिटी कनेक्शन: सोशल मीडिया पर साझा करने और जुड़ने की भावना।


मार्केटिंग का जादू

मार्केटिंग का जादू

पॉप मार्ट ने लाबूबू को एक खिलौने से ब्रांड में बदल दिया है। उनकी कोलैबोरेशन स्ट्रैटेजी जैसे लुइस वुइटन, कोच जैसे लक्ज़री ब्रांड्स के साथ ने इन डॉल्स को कला और डिज़ाइन का रूप दे दिया है। साथ ही वे लिमिटेड एडिशन, हॉलिडे थीम और मौसम अनुसार प्रोडक्ट्स लॉन्च कर ग्राहकों का ध्यान बनाए रखते हैं।


कहां से खरीदें लाबूबू डॉल्स

कहां से खरीदें लाबूबू डॉल्स

क्या है Labooboo Dolls का जादू? जानें इस अनोखी गुड़िया के पीछे की कहानी!

आप पॉप मार्ट की आधिकारिक वेबसाइट से या विशेष कलेक्शन स्टोर्स से इन्हें खरीद सकते हैं। भारत में कुछ वेबसाइट्स पर सीमित संस्करण की डॉल्स 10,000 से 1 लाख तक में उपलब्ध हैं।


लाबूबू एक खिलौना नहीं, एक संस्कृति

लाबूबू एक खिलौना नहीं, एक संस्कृति

लाबूबू डॉल्स ने यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी सबसे अजीब दिखने वाली चीजें ही सबसे ज्यादा दिल को छू जाती हैं। यह सिर्फ एक कलेक्शन नहीं, बल्कि एक सेल्फ-लव मूवमेंट बन चुका है। जो हमें यह सिखाता है कि खूबसूरती और क्यूटनेस की कोई एक परिभाषा नहीं होती। शायद यही वजह है कि महिलाएं, खासकर युवा, लाबूबू को केवल एक फैशन ट्रेंड नहीं, बल्कि खुद के प्रति प्यार और स्वीकृति के प्रतीक के रूप में देख रही हैं।


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