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क्या है मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर? जानें इसके लक्षण और उपचार

मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (DID) एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति के भीतर दो या अधिक व्यक्तित्व होते हैं। यह विकार व्यक्ति के मानसिक संतुलन को प्रभावित करता है और उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा असर डालता है। इस लेख में, हम DID के लक्षण, कारण, उपचार और इसके साथ जीने की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। जानें कि समाज में इसके प्रति भ्रांतियाँ क्या हैं और भारत में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता क्यों है।
 

DID क्या है?

क्या है मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर? जानें इसके लक्षण और उपचार

DID क्या है: सोचिए, अगर आपकी पहचान, नाम, आदतें और यादें हर दिन बदल जाएं। सुबह किसी और की तरह जागना, दोपहर में अनजान विचारों में खो जाना, और शाम को खुद को अजनबी के रूप में पाना। यह डरावना लगता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक वास्तविकता है।


मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की परिभाषा

मल्टीपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, जिसे अब डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर (DID) कहा जाता है, एक गंभीर मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति के भीतर दो या अधिक व्यक्तित्व होते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी सोच, व्यवहार और पहचान होती है। यह विकार व्यक्ति के मानसिक संतुलन को प्रभावित करता है और उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा असर डालता है।


DID के लक्षण

इस विकार का सबसे प्रमुख लक्षण है अलग-अलग पहचान का अस्तित्व। ये पहचान या 'अल्टर्स' अपनी सोच और व्यवहार में भिन्न होते हैं। कभी-कभी व्यक्ति एक मासूम बच्चे की तरह बात करता है, तो कभी आक्रामक हो जाता है।


भूलने की समस्या भी आम है, जहां व्यक्ति को घंटों या दिनों की घटनाएं याद नहीं रहतीं। इसके अलावा, व्यवहार में बदलाव और अन्य मानसिक लक्षण जैसे अवसाद और चिंता भी देखे जाते हैं।


DID के कारण

इस विकार का मुख्य कारण बचपन में गंभीर आघात होता है, जो शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक हो सकता है। शारीरिक या यौन शोषण, किसी प्रियजन की आकस्मिक मृत्यु, या अत्यधिक तनाव भी इसके कारण बन सकते हैं।


DID के साथ जीने की चुनौतियाँ

DID से पीड़ित व्यक्ति के लिए जीवन एक निरंतर संघर्ष बन जाता है। अलग-अलग पहचान से जूझना और समाज की अज्ञानता का सामना करना उन्हें अकेला और असुरक्षित महसूस कराता है।


DID का उपचार

DID का कोई जादुई इलाज नहीं है, लेकिन सही थेरेपी और देखभाल से जीवन में सुधार संभव है। मनोचिकित्सा और ट्रॉमा फोकस्ड थेरेपी इसके उपचार में सहायक होती हैं।


DID के बारे में भ्रांतियाँ

समाज में इस विकार को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं, जैसे कि DID से पीड़ित लोग खतरनाक होते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि ये लोग अक्सर खुद को नुकसान पहुँचाने की प्रवृत्ति से जूझते हैं।


भारत में मानसिक स्वास्थ्य

भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी है। लोग इसे पहचानने में असफल रहते हैं और इलाज की दिशा में कदम नहीं उठाते।


हमें क्या करना चाहिए?

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना, मिथकों को तोड़ना, और ऐसे लोगों का समर्थन करना आवश्यक है।


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