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क्या है ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी का रहस्य? जानें इस ट्रैवल व्लॉगर की कहानी

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 'ट्रैवल विद जेओ' के नाम से मशहूर ज्योति की कहानी में एक साधारण कामकाजी महिला से यूट्यूबर बनने तक का सफर शामिल है। जानें कैसे उनकी यात्रा ने उन्हें विवादों में डाल दिया और उनके परिवार का क्या कहना है।
 
क्या है ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी का रहस्य? जानें इस ट्रैवल व्लॉगर की कहानी

ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी का मामला


हरियाणा के हिसार की 33 वर्षीय यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर, ज्योति मल्होत्रा, को हाल ही में भारत की खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर 'ट्रैवल विद जेओ' के नाम से जानी जाने वाली ज्योति के खिलाफ यह खुलासा पूरे देश में हलचल मचा रहा है।


ज्योति की जिंदगी में बदलाव

लगभग 14 साल पहले, ज्योति की जिंदगी एक सामान्य कामकाजी महिला की तरह थी। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में रिसेप्शनिस्ट के रूप में की। इसके बाद, उन्होंने हिसार से करीब 20 किलोमीटर दूर एक निजी स्कूल में पढ़ाना शुरू किया। कुछ समय बाद, उन्होंने फिर से एक निजी कार्यालय में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी की।


कोरोना काल में यूट्यूब का सफर

कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी खोने के बाद, ज्योति ने डिजिटल दुनिया में कदम रखा और 'ट्रैवल विद जेओ' नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया, जो तेजी से लोकप्रिय हो गया। गिरफ्तारी के समय उनके यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख और इंस्टाग्राम पर 1.3 लाख फॉलोअर्स थे। उन्होंने भारत समेत कई देशों की यात्रा की और वीडियो बनाए। पाकिस्तान की यात्रा के दौरान, उन्होंने वहां के 5000 साल पुराने हिंदू मंदिर का वीडियो साझा किया, जो वायरल हो गया।


जासूसी के आरोपों का खुलासा

हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि ज्योति केवल वीडियो शूट नहीं कर रही थीं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, वह पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं। भारत सरकार ने 13 मई 2025 को दानिश को 'अवांछनीय व्यक्ति' घोषित किया था। जांच एजेंसियों का दावा है कि ज्योति उसके संपर्क में लगातार बनी रहीं।


परिवार का समर्थन

ज्योति की गिरफ्तारी के बाद उनका परिवार उनके समर्थन में खड़ा है। उनके पिता का कहना है, "हमारे घर से सभी दस्तावेज ले लिए गए हैं। क्या उन्हें कोई सबूत मिला? उन्हें एक भी सुई नहीं मिली। ज्योति का फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी उनके पास हैं, लेकिन उनमें से कुछ नहीं मिला।" ज्योति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत उन्हें लंबी सजा हो सकती है।


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