क्या सनस्क्रीन आपकी त्वचा के लिए खतरा है? जानें इसके फायदे और नुकसान

सनस्क्रीन का महत्व
Sunscreen In Summer Season
गर्मी हो या सर्दी, स्किन एक्सपर्ट हमेशा सलाह देते हैं कि "सनस्क्रीन का उपयोग करना न भूलें!" हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ दावे किए गए हैं कि सनस्क्रीन में मौजूद रसायन त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, हार्मोन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और यहां तक कि स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकते हैं। क्या यह सच है या केवल एक मिथक? इस लेख में हम सनस्क्रीन से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
सनस्क्रीन क्या है?
सनस्क्रीन की परिभाषा
सनस्क्रीन एक ऐसा उत्पाद है जो त्वचा को अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों से बचाने का दावा करता है। सूर्य की UVA और UVB किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सनस्क्रीन इन किरणों को रोकने या परावर्तित करने का कार्य करता है।
- UVA किरणें त्वचा की झुर्रियों और उम्र बढ़ने का कारण बनती हैं।
- UVB किरणें त्वचा जलने और कैंसर का कारण बन सकती हैं।
सनस्क्रीन के प्रकार
1. फिजिकल (Mineral) सनस्क्रीन: ज़िंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड से बनी ये सनस्क्रीन त्वचा पर किरणों को परावर्तित करती हैं। ये बच्चों और संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।
2. केमिकल सनस्क्रीन: ऑक्सीबेंजोन, एवोबेंजोन, और ऑक्टिनॉक्सेट जैसे रसायनों से बनी ये सनस्क्रीन त्वचा में धूप की किरणों को अवशोषित करती हैं। ये हल्की और त्वचा में जल्दी समा जाती हैं।
क्या सनस्क्रीन त्वचा के लिए खतरा है?
संभावित खतरे
हाल ही में कुछ अध्ययनों ने सनस्क्रीन में मौजूद रसायनों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई है:
1. हार्मोनल व्यवधान: ऑक्सीबेंजोन जैसे रसायनों पर कई अध्ययन हुए हैं। 2019 में Journal of the American Medical Association में एक अध्ययन में बताया गया कि यह रसायन रक्त में अवशोषित हो सकता है।
2. त्वचा में एलर्जी और जलन: कुछ सनस्क्रीन में मौजूद रसायन संवेदनशील त्वचा में जलन या एलर्जी का कारण बन सकते हैं। American Contact Dermatitis Society ने ऑक्सीबेंजोन को “allergen of the year” घोषित किया था।
3. पर्यावरण का खतरा: कुछ समुद्री देशों में ऑक्सीबेंजोन और ऑक्टिनॉक्सेट को कोरल रीफ के लिए हानिकारक मानते हुए प्रतिबंधित किया गया है।
क्या सनस्क्रीन के फायदे इसके जोखिमों से अधिक हैं?
फायदे
1. त्वचा कैंसर से सुरक्षा: American Academy of Dermatology के अनुसार, नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करने से मेलानोमा (त्वचा कैंसर) का खतरा लगभग 50% तक कम हो जाता है।
2. झुर्रियों और उम्र बढ़ने में कमी: नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से त्वचा समय से पहले ढीली नहीं होती। 2013 में एक अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करते हैं, उनकी त्वचा उम्र के साथ कम ढीली होती है।
3. हाइपरपिग्मेंटेशन में राहत: सनस्क्रीन त्वचा पर काले धब्बे और मेलास्मा को रोकने में मदद करती है, खासकर भारतीय त्वचा के लिए।
सनस्क्रीन का चयन कैसे करें?
सावधानी से करें चयन
1. मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन का चयन करें जिसमें ज़िंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड हो। ये संवेदनशील त्वचा के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
2. “Non-comedogenic” और “fragrance-free” विकल्प चुनें, जिससे एलर्जी का खतरा कम होता है।
3. SPF 30 से ऊपर का चयन करें, क्योंकि SPF 15 लगभग 93% UVB किरणों को रोकता है और SPF 30 लगभग 97% तक। रोजाना उपयोग के लिए SPF 30 वाली सनस्क्रीन पर्याप्त है।
क्या प्राकृतिक विकल्प सुरक्षित हैं?
प्राकृतिक विकल्प
कुछ लोग नारियल तेल, एलोवेरा या अन्य हर्बल उत्पादों को सनस्क्रीन के विकल्प मानते हैं, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार:
- नारियल तेल केवल SPF 4-5 प्रदान करता है, जो त्वचा के लिए सुरक्षित नहीं है।
- एलोवेरा सूरज की जलन से राहत दे सकता है, लेकिन UV किरणों से सुरक्षा नहीं कर सकता।
ध्यान देने योग्य: इसलिए प्राकृतिक विकल्प तब तक सही नहीं माने जा सकते जब तक उनका SPF और UV सुरक्षा प्रमाणित न हो।
सनस्क्रीन: सुरक्षा कवच या खतरे की घंटी?
महत्वपूर्ण बातें
भारत जैसे देशों में, जहां सूरज की किरणें पूरे साल तीव्र होती हैं, सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। हालांकि, कुछ रसायनों को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। लेकिन अधिकांश स्किन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन रसायनों से होने वाला संभावित खतरा UV किरणों से होने वाले नुकसान की तुलना में बहुत कम है।
इसलिए, सही सनस्क्रीन का चयन करते समय त्वचा के प्रकार को समझकर और सतर्कता से काम लेना चाहिए। यदि आपको किसी विशेष तत्व से एलर्जी है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
ध्यान देने योग्य बातें
- सनस्क्रीन हानिकारक नहीं है, लेकिन हमेशा पूरी जानकारी के साथ उपयोग करना चाहिए।
- मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन अधिक सुरक्षित होते हैं।
- बिना सनस्क्रीन लगाए तेज धूप में निकलना त्वचा के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है।