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अली मर्चेंट ने साझा की अपने करियर की कठिनाइयाँ: मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बोले

अली मर्चेंट ने अपने करियर के कठिन समय के बारे में बात की, जिसमें उन्होंने 2010 में लिए गए गलत फैसलों और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे ट्रोलिंग से निपटने के लिए उन्होंने एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया। उनके अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करना कितना आवश्यक है। जानें उनके संघर्ष और सीखें कि कैसे उन्होंने चुनौतियों का सामना किया।
 
अली मर्चेंट ने साझा की अपने करियर की कठिनाइयाँ: मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बोले

अली मर्चेंट का संघर्ष और मानसिक स्वास्थ्य

मुंबई, 27 मई। वेब सीरीज 'लिबास' और रियलिटी शो 'लॉक अप सीजन 1' के जाने-माने अभिनेता अली मर्चेंट ने अपने करियर के कठिन दौर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। उस समय उन्होंने कई गलत निर्णय लिए और विवादों में फंस गए, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गए थे।

अली ने कहा, "साल 2010 ने मुझे बुरी तरह प्रभावित किया। मैंने उस दौरान कई गलत फैसले किए और विवादों में उलझा रहा। मुझे टीवी शो से निकाल दिया गया और कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ मुझसे छिन गईं। मैं अपने जीवन का उद्देश्य खो बैठा था और खुद को भी। जब मैं अपने शो के 1000 से अधिक एपिसोड्स और लीड रोल्स को देखता, तो मुझे रोना आ जाता। थैरेपी ने मुझे संभाला और यह स्वीकार करने में समय लगा कि 'मैं ठीक नहीं हूं।'"

उन्होंने आगे कहा, "ठीक होना आसान नहीं है। इस दौरान बहुत रोना आता है, और कई बार वही गलतियाँ दोहराई जाती हैं। ऐसे समय में खुद को चुनना पड़ता है, जब दुनिया आपसे और अधिक उम्मीदें रखती है। लेकिन बाद में समझ आता है कि जीवन में कुछ बड़ा और अच्छा करने के लिए ये सब सहना जरूरी है। जब हम टूटते हैं, तो यह असफलता नहीं होती, बल्कि हमारी आत्मा का एक संकेत होता है कि 'उड़ने से पहले मुझे ठीक कर लो।'"

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के बारे में अली ने कहा कि पहले यह उन्हें बहुत परेशान करता था, लेकिन अब उन्होंने इससे निपटने का एक समझदारी भरा तरीका खोज लिया है।

अली ने कहा, "पहले ट्रोल्स मुझे बहुत प्रभावित करते थे। लेकिन अब मैं उनके बेवकूफी भरे कमेंट्स का स्क्रीनशॉट लेकर अपने दोस्तों के साथ साझा करता हूँ और हम सब हंसते हैं। आपको ऐसे अनजान लोगों की नफरत को सहने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को ब्लॉक करें, डिलीट करें और मस्ती से जीवन जिएं।"

उन्होंने आगे कहा, "उनकी बातें तभी तक तकलीफ देती हैं, जब तक आप उन पर ध्यान देते हैं। ट्रोल्स मच्छरों की तरह होते हैं, बस परेशान करते हैं, और अपनी कुंठा दूसरों पर निकालते हैं।"

मानसिक स्वास्थ्य पर भी अली ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "हम कलाकार हैं, रोबोट नहीं। इस इंडस्ट्री में अगर कोई कह दे कि वह मुश्किल में है, तो लोग मान लेते हैं कि उसका करियर खत्म हो गया। जबकि सच यह है कि कमजोरी ही असली ताकत है। मैं मंच पर थैरेपी के बारे में बात करता हूँ और इंटरव्यू में रोता भी हूँ। क्यों? क्योंकि जो बच्चा मुझे देख रहा है, उसे यह जानना चाहिए कि 'ठीक न होना' भी ठीक है। मानसिक स्वास्थ्य कोई ट्रेंड नहीं, यह जीवन और मृत्यु का सवाल है। चुप रहना नुकसान करता है, इसलिए खुलकर बोलना चाहिए।"

--News Media

पीके/केआर


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