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सुरेश ओबेरॉय: 400 रुपये लेकर मुंबई आए, विलेन बनकर छाए इस अभिनेता की कहानी

सुरेश ओबेरॉय की कहानी एक प्रेरणा है, जिन्होंने केवल 400 रुपये लेकर मुंबई में कदम रखा और अपने अभिनय कौशल से फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। जानें कैसे उन्होंने विलेन और सपोर्टिंग रोल्स में अपनी पहचान बनाई और आज भी सक्रिय हैं।
 
सुरेश ओबेरॉय: 400 रुपये लेकर मुंबई आए, विलेन बनकर छाए इस अभिनेता की कहानी

सुरेश ओबेरॉय का संघर्ष और सफलता




मुंबई, 16 दिसंबर। सुरेश ओबेरॉय, जिनकी आवाज और अभिनय कौशल ने उन्हें खास बना दिया है, ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अभिनेता ने न केवल हीरो बल्कि विलेन और सहायक भूमिकाओं में भी अपनी छाप छोड़ी है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुरेश ओबेरॉय केवल 400 रुपये लेकर मुंबई आए थे, जबकि उनके मन में हीरो बनने का सपना था।


17 दिसंबर 1946 को क्वेटा (जो अब पाकिस्तान है) में जन्मे सुरेश का जीवन संघर्षों से भरा रहा। विभाजन के समय उनका परिवार भारत आया, जब वह केवल एक साल के थे। उनके पिता, आनंद सरूप ओबेरॉय, रियल एस्टेट में काम करते थे, लेकिन विभाजन के बाद उन्हें सब कुछ छोड़ना पड़ा। परिवार ने कठिनाइयों का सामना किया और आर्थिक तंगी में दिन बिताए।


एक इंटरव्यू में सुरेश ने बताया कि जब उनका परिवार भारत आया, तो उनके पिता ने पाकिस्तान जाकर अपनी संपत्ति बेची और फिर परिवार को हैदराबाद में बसाया। धीरे-धीरे उनके पिता ने मेडिकल स्टोर्स की एक श्रृंखला शुरू की, जिससे परिवार की स्थिति में सुधार हुआ।


सुरेश को बचपन से ही अभिनय का शौक था। उन्होंने रेडियो शो से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में थिएटर में काम किया। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) से प्रशिक्षण लेने के बाद, उन्होंने 1977 में फिल्म 'जीवन मुक्त' से अपने करियर की शुरुआत की।


हालांकि, उनकी असली पहचान सपोर्टिंग और नेगेटिव किरदारों से बनी। 'लावारिस', 'नमक हलाल', 'विधाता', 'राजा हिंदुस्तानी', और 'कबीर सिंह' जैसी फिल्मों में उनके काम को सराहा गया। उन्हें 1987 में 'मिर्च मसाला' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला।


सुरेश ओबेरॉय आज भी फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। हाल ही में, उन्होंने 'एनिमल' में अपने प्रदर्शन के लिए प्रशंसा प्राप्त की।


सुरेश ने यशोधरा से शादी की है, जिनका परिवार पंजाबी है। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक, विवेक ओबेरॉय, खुद एक अभिनेता हैं।


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