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राजेश खन्ना की पहली फिल्म: एक असफलता जिसने दी पहचान

राजेश खन्ना, बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार, की पहली फिल्म 'आखिरी खत' ने भले ही बॉक्स ऑफिस पर असफलता का सामना किया, लेकिन इसने उन्हें एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई। इस फिल्म का निर्देशन चेतन आनंद ने किया था और यह एक कल्ट क्लासिक बन गई। जानें इस फिल्म की कहानी और इसके ऑस्कर नामांकन के बारे में।
 
राजेश खन्ना की पहली फिल्म: एक असफलता जिसने दी पहचान

राजेश खन्ना का फिल्मी सफर

बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को आज भी लोग याद करते हैं। उनकी जयंती 29 दिसंबर को होती है। हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े नामों में से एक, राजेश खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1966 में की थी। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिससे उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार माना गया। 60-70 के दशक में उनकी फैन फॉलोइंग अद्वितीय थी, और लड़कियां उनके दीवाने थीं। आज हम उनकी पहली फिल्म के बारे में चर्चा करेंगे, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही, लेकिन ऑस्कर तक पहुंची।


राजेश खन्ना की पहली फिल्म

राजेश खन्ना ने 1966 में फिल्म 'आखिरी खत' से अपने करियर की शुरुआत की। यह उनकी डेब्यू फिल्म थी, लेकिन इसकी कहानी दर्शकों को प्रभावित नहीं कर सकी और यह बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। फिर भी, इस फिल्म ने राजेश खन्ना को फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई।


ऑस्कर के लिए नामांकन

फिल्म 'आखिरी खत' का लेखन और निर्देशन चेतन आनंद ने किया था, जिसमें राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे। बॉक्स ऑफिस पर असफल होने के बावजूद, यह फिल्म एक कल्ट क्लासिक बन गई और 1967 में इसे 40वें ऑस्कर अवॉर्ड के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटिगरी में भेजा गया। हालांकि, इसे कोई नामांकन नहीं मिला, लेकिन इसने काफी चर्चा बटोरी।


फिल्म की कहानी

'आखिरी खत' की कहानी गोविंद बाली (राजेश खन्ना) और लज्जो (इंद्राणी मुखर्जी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक-दूसरे से प्यार करते हैं। दोनों एक गांव के मंदिर में गुप्त रूप से शादी कर लेते हैं। गोविंद अपनी पढ़ाई के लिए शहर चला जाता है, जबकि लज्जो एक बेटे को जन्म देती है और समाज के तानों का सामना करती है। लज्जो अपने बेटे के साथ गोविंद को खोजने मुंबई आती हैं, लेकिन अंततः उनकी मृत्यु हो जाती है।


फिल्म का पोस्टर

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