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राजेश खन्ना और संजीव कुमार: एक अनकही कहानी

राजेश खन्ना, बॉलीवुड के एक महान अभिनेता, की बर्थ एनिवर्सरी पर हम उनके और संजीव कुमार के बीच की जटिल रिश्ते की कहानी साझा कर रहे हैं। जानें कैसे उनकी असुरक्षा और अंजू महेंद्रू के कारण उनके बीच दूरियां बढ़ीं। संजीव की मृत्यु पर राजेश का दुख भी इस कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस लेख में आपको उनके रिश्ते की अनकही बातें जानने को मिलेंगी।
 
राजेश खन्ना और संजीव कुमार: एक अनकही कहानी

राजेश खन्ना का जन्मदिन और उनकी विरासत

राजेश खन्ना, जो बॉलीवुड के सबसे महान अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं, का जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उनका असली नाम जतिन खन्ना था, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें प्यार से काका कहा जाता था। आज, उनके जन्मदिन पर, हम एक दिलचस्प किस्सा साझा करेंगे जिसमें यह बताया गया है कि कैसे वह एक अन्य अभिनेता से जलते थे, लेकिन जब उस अभिनेता का निधन हुआ, तो वह अपने आंसू नहीं रोक पाए।


संजीव कुमार और राजेश खन्ना के बीच की दूरी

हम यहां संजीव कुमार की बात कर रहे हैं। दोनों अभिनेता इंडियन थिएटर एसोसिएशन के सदस्य थे, लेकिन उनके करियर की दिशा अलग थी। संजीव गुजराती नाटकों में काम करते थे, जबकि राजेश हिंदी नाटकों का हिस्सा थे। संजीव उस समय थिएटर में काफी प्रसिद्ध थे, जबकि राजेश छोटे-मोटे रोल कर रहे थे। एक बार, राजेश को कॉलेज फेस्ट में 'और दीया बुझ जाए' नाटक के लिए बेस्ट एक्टर का पुरस्कार मिला, जिसके बाद उन्होंने एक पार्टी आयोजित की, लेकिन संजीव वहां नहीं आए। इसके बाद, राजेश ने फिल्मों में कदम रखा और उनकी दूरियां और बढ़ गईं।


राजेश और संजीव के बीच की दरार का कारण

राजेश खन्ना की गर्लफ्रेंड अंजू महेंद्रू भी उनके और संजीव के बीच की दूरियों का एक कारण बनीं। दोनों ने सात साल तक एक-दूसरे को डेट किया। जब फिल्म 'महंगा सौदा' में संजीव और अंजू को एक साथ कास्ट किया गया, तो राजेश अक्सर सेट पर आते थे, लेकिन उन्होंने कभी संजीव से बात नहीं की। इस दौरान संजीव और अंजू की दोस्ती बढ़ गई, जो राजेश को पसंद नहीं आई। इसके चलते उनके बीच कई बार झगड़े हुए। अंततः, राजेश और अंजू का रिश्ता टूट गया और दोनों ने 17 साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की।


राजेश की संजीव के प्रति असुरक्षा

राजेश खन्ना ने संजीव कुमार के साथ जीपी सिप्पी की फिल्म 'बंध्न' में काम किया, जिसमें अंजू भी थीं। यह फिल्म सफल रही। अंजू ने एक इंटरव्यू में बताया कि राजेश हमेशा संजीव के सामने असुरक्षित महसूस करते थे। लेखक सागर सरहदी ने भी इस बात की पुष्टि की कि राजेश संजीव से असुरक्षित थे।


संजीव कुमार की मृत्यु पर राजेश का दुख

दोनों ने अपने करियर की शुरुआत एक साथ की थी, लेकिन कभी भी एक-दूसरे से बात नहीं की। 1985 में, संजीव कुमार का 47 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जो उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा सदमा था। राजेश खुद को रोक नहीं पाए और संजीव के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे। वहां मौजूद लोगों ने देखा कि राजेश की आंखों में आंसू थे। उन्होंने संजीव को एक बार देखा और किसी से बात नहीं की।


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