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गोविंदा का 'अवतार 3' में कैमियो: सच या झूठ?

जेम्स कैमरून की नई फिल्म 'अवतार: फायर एंड ऐश' ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है, लेकिन क्या गोविंदा ने इसमें कैमियो किया है? सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में गोविंदा के दृश्य दिखाए जा रहे हैं, लेकिन क्या ये सच हैं? जानें वायरल वीडियो की सच्चाई और गोविंदा के दावों के बारे में इस लेख में।
 
गोविंदा का 'अवतार 3' में कैमियो: सच या झूठ?

गोविंदा का 'अवतार: फायर एंड ऐश' में कैमियो?

गोविंदा का 'अवतार 3' वायरल वीडियो: जेम्स कैमरून की नई फिल्म 'अवतार: फायर एंड ऐश' ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई है। यह फिल्म भारत में 18 दिसंबर को रिलीज हुई और इसे दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। अब तक, इसने भारत में 86 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। इस बीच, फिल्म के कुछ दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें गोविंदा के कैमियो की चर्चा हो रही है। फैंस इस बात को लेकर उलझन में हैं कि क्या वास्तव में गोविंदा ने इस फिल्म में काम किया है। आइए जानते हैं वायरल सीन की सच्चाई।


'अवतार: फायर एंड ऐश' में गोविंदा का कैमियो?

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें एक थियेटर में 'अवतार 3' का एक सीन दिखाया गया है, जिसमें गोविंदा नजर आ रहे हैं। इस क्लिप में, गोविंदा नीले रंग के 'नावी' के रूप में अपनी फिल्म 'दीवाना मस्ताना' का प्रसिद्ध डायलॉग 'हटा सावन की घटा' बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, एक और वीडियो क्लिप में वह 'मां मैं वर्षों से भूखा हूं' डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं। ये क्लिप्स तेजी से सोशल मीडिया पर फैल रहे हैं।


क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?

सोशल मीडिया पर गोविंदा के कैमियो के दावे वाले वीडियो पूरी तरह से फर्जी हैं। यह वीडियो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डीपफेक तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं। इसमें गोविंदा के चेहरे को फिल्म के असली किरदारों पर चिपकाया गया है। इसलिए, ये वीडियो क्लिप्स वास्तविक नहीं हैं। कुल मिलाकर, गोविंदा ने 'अवतार 3' में कोई भूमिका नहीं निभाई है। वायरल हो रहे वीडियो AI द्वारा उत्पन्न किए गए हैं।


गोविंदा का दावा

जब भी 'अवतार' का कोई नया सीजन आता है, गोविंदा चर्चा में आ जाते हैं। दरअसल, उन्होंने एक बार कहा था कि जेम्स कैमरून ने उन्हें 2009 में रिलीज हुई 'अवतार' के पहले भाग में लीड रोल का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने इसे इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि उस किरदार को दिव्यांग दिखाना था और शरीर पर नीला रंग लगाना था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उस फिल्म का शीर्षक भी उन्होंने सुझाया था।


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